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मारुति सुजुकी : रास्ता बंद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 1:44 AM IST

देश की सबसे बड़ी यात्री कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे बेहद मायूसी भरे रहे।


जितनी आशंका थी, नतीजों में उससे भी ज्यादा गिरावट देखनी पड़ी। इसकी बड़ी वजह बिक्री वॉल्यूम में कमी होना और लागत में जबरदस्त इजाफा होना थी।

कच्चे माल की बढ़ी कीमतों और कर्मचारियों पर खर्च में भी इजाफा होने के कारण कंपनी का परिचालन मुनाफा 27 फीसदी गिरकर 516 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। साल की दूसरी तिमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले कंपनी की शुध्द बिक्री में 6.1 फीसदी का इजाफा हुआ। इसकी सबसे बड़ी वजह कंपनी के रियलाइजेशन में हुई 7.1 फीसदी की बढ़ोतरी को जाता है।

इस दौरान कंपनी के स्विफ्ट और डिजायर मॉडलों का बिक्री के मामले में अच्छा प्रदर्शन पिछले महीनों की तरह बरकरार रहा, लेकिन आल्टो, वैगन-आर और जेन एस्टिलो मॉडलों की बिक्री में कंपनी को गिरावट का सामना करना पड़ा।

कुल मिलाकर कंपनी का बिक्री वॉल्यूम 2.5 फीसदी बढ़ा जबकि इस दौरान मिड साइज सेगमेंट साल दर साल के आधार पर 33.5 फीसदी बढ़ा। कंपनी का निर्याता वॉल्यूम दूसरी तिमाही में 17 फीसदी बढ़ा, लेकिन कुल मिलाकर सारा वॉल्यूम 10 फीसदी के दायरे में ही सिमटकर रह गया।

इस समय ब्याज दरों के आसमान पर जाने के साथ बैंक ऑटोमोबाइल क्षेत्र में ऋण कम से कम दे रही हैं। नतीजतन इस क्षेत्र में मांग में तेजी से गिरावट आ रही है। हालांकि मारुति की प्रतिद्वंद्वी हुंडई का प्रदर्शन दूसरी तिमाही में मारुति की तुलना में बेहतर रहा। इस दौरान उसका वॉल्यूम 20 फीसदी की दर से बढ़ा और यह इजाफा भी लोअर बेस पर हुआ।

मारुति के लिए कच्चे माल की लागत साल दर साल के आधार पर बिक्री के प्रतिशत के लिहाज से 0.8 फीसदी बढ़ा, जबकि बिक्री की तुलना में कर्मचारियों की लागत 0.4 फीसदी बढ़ी। इसके चलते इसका परिचालन मुनाफा 5 फीसदी गिरकर 10.3 फीसदी हो गया। इसके साथ ही कंपनी का शुध्द मुनाफा साल दर साल के आधार पर 36.5 फीसदी गिरकर 296 करोड़ रुपये हो गया।

हालांकि इसके लिए जून 2008 की तिमाही में कंपनी की ओर से प्रारंभ की गई डेप्रिसिएशन पॉलिसी जिम्मेदार है। इसके चलते साल दर साल के आधार पर डेप्रिएशन में 88 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई।

हालांकि कंपनी ने स्विफ्ट और डिजायर मॉडल की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपना उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे आगे उसे औसत रियलाइजेशन में मदद मिलेगी। विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की है कि कंपनी को नवंबर में लांच होने वाले मॉडल ए-स्टार से भी लाभ होगा।

First Published : October 27, 2008 | 9:22 PM IST