म्युचुअल फंडों की नकदी योजनाओं में अप्रैल 2009 के बाद से निवेश करने वालों को 91 दिन से भी कम के लिए निवेश करना पड़ेगा यानी ऐसे निवेशों की परिपक्वता अवधि 91 दिन से कम नहीं होगी।
इस बारे में फैसला भारतीय म्युचुअल फंड संघ एएमएफआई की समिति के सदस्यों ने इसी हफ्ते हुई बैठक में किया। उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक शुरुआत में कुछ सदस्य इस फैसले को तत्काल प्रभाव से यानी फौरन लागू करना चाहते थे।
लेकिन ऐसा करना अभी संभव नहीं लग रहा था, इसलिए इसे अगले साल अप्रैल से लागू करने का फैसला किया गया। म्युचुअल फंड उद्योग अपनी सिफारिशों को फिलहाल अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। इसके बाद इन्हें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सामने मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
एएमएफआई इस बारे में पिछले हफ्ते प्रस्ताव का मसौदा जारी कर चुकी है। निश्चित परिपक्वता अवधि वाली योजनाओं यानी एफएमपी की परिपक्वता को लेकर काफी समय तक बहस मुबाहिसा चलता रहा है। कई लोगों को कहना था कि परिपक्वता की अवधि तीन से छह महीना रखी जानी चाहिए।