भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्युचुअल फंड ‘ओवरनाइट स्कीम’ की पुनर्खरीद के मामले में नेट ऐसेट वैल्यू (एनएवी) तय करने के अंतिम समय में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है।
सेबी ने प्रस्ताव रखा है कि ऐसे मामलों में जहां लिक्विड फंडों के लिए आवेदन दोपहर 3 बजे तक तथा ओवरनाइट फंड के लिए शाम 7 बजे तक प्राप्त होता है, वहां अगले कारोबारी दिन से ठीक पहले वाले दिन की क्लोजिंग एनएवी ली जाएगी।
यदि यह आवेदन इन समय-सीमा के बाद आता है तो अगले कारोबारी दिन की क्लोजिंग एनएवी मानी जाएगी। एनएवी निवेशकों को अपने निवेश की मार्केट वैल्यू को समझने में मदद करती है।
सेबी का यह प्रस्ताव स्टॉक ब्रोकरों को ग्राहकों के फंड की अपस्ट्रीमिंग के आदेश के बाद आया है, जिसके तहत ग्राहकों के क्रेडिट बैलेंस को दिन के अंत में क्लियरिंग कॉरपोरेशन के पास रखा जाता है। अपस्ट्रीमिंग का उद्देश्य ग्राहकों के धन का न्यूनतम जोखिम सुनिश्चित करना था, क्योंकि ये फंड एक दिन की अवधि के लिए उपलब्ध होते हैं तथा केवल जोखिम-मुक्त सरकारी प्रतिभूतियों में ही निवेश करते हैं।