म्युचुअल फंड

SIP Inflow: 2 साल में SIP इनफ्लो में आएगा बड़ा उछाल! मंथली निवेश पहुंच सकता है ₹40,000 करोड़ के पार

SIP इनफ्लो मार्च में 25,925 करोड़ रुपये रहा, हालांकि अमेरिकी शुल्क में लगातार बदलावों के कारण बाजार में अस्थिरता बढ़ने से पिछले 4 महीनों में उद्योग में गिरावट का रुख देखा गया।

Published by
भाषा   
Last Updated- April 14, 2025 | 2:26 PM IST

SIP Inflow: यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) मधु नायर ने कहा कि बढ़ती खर्च योग्य आय और अनुशासित निवेश के बारे में बढ़ती जागरूकता से अगले 18-24 महीने में म्युचुअल फंड उद्योग में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) इनफ्लो 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। SIP इनफ्लो मार्च में 25,925 करोड़ रुपये रहा, हालांकि अमेरिकी शुल्क में लगातार बदलावों के कारण बाजार में अस्थिरता बढ़ने से पिछले चार महीनों में उद्योग में गिरावट का रुख देखा गया है। इस अल्पकालिक गिरावट के बावजूद व्यापक उद्योग का रुख आशावादी बना है।

SIP अकाउंट्स में मामूली कमी आई

वित्त वर्ष 2024-25 में औसत मंथली एसआईपी इनफ्लो बढ़कर 24,113 करोड़ रुपये हो गया, जो उससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 16,602 करोड़ रुपये से उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्शाता है। यह वृद्धि खुदरा निवेशकों की बढ़ती परिपक्वता को उजागर करती है, जो व्यवस्थित निवेश के लाभों को तेजी से पहचानते हैं। हालांकि, एसआईपी खाता संख्या में मामूली कमी आई है, जो मार्च 2024 में 8.4 करोड़ से मार्च 2025 में 8.11 करोड़ हो गई।

Also read: Hybrid Funds: मार्केट वोलैटिलिटी में भी नहीं भा रहे हाइब्रिड फंड्स, निवेशकों ने क्यों मोड़ा रुख?

SIP AUM ₹13.31 करोड़ तक पहुंचा

प्रबंधन अधीन एसआईपी परिसंपत्तियों में वृद्धि जारी रही, जो पिछले साल पंजीकृत 10.71 लाख करोड़ रुपये की तुलना में मार्च 2025 में 13.31 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। उद्योग को लेकर अपने आशावादी रुख को स्पष्ट करते हुए नायर ने निवेशकों के लिए अधिक अनुकूल कर व्यवस्था की शुरुआत और बाजार मूल्यांकन में सुधार का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इन कारकों से अधिक लोगों को एसआईपी शुरू करने या अपने योगदान को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होने की संभावना है।

वहीं एक अप्रैल 2025 से लागू होने वाली नई कर व्यवस्था के तहत, सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को आयकर से छूट दी गई है। खर्च योग्य आय में इस पर्याप्त वृद्धि से घरेलू बचत में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो एसआईपी जैसे दीर्घकालिक निवेशों में बढ़ेगी।

म्युचुअल फंड उद्योग निवेश के लिए SIP पर निर्भर

एसआईपी खुदरा निवेशकों के बीच एक पसंदीदा निवेश साधन बना हुआ है, जो लोगों को म्युचुअल फंड योजनाओं में नियमित अंतराल पर छोटी राशि (250 रुपये से शुरू होने वाली राशि) का निवेश करने का मौका देती है। यह अनुशासित दृष्टिकोण न केवल एकमुश्त निवेश के बोझ को कम करता है, बल्कि समय के साथ बाजार की अस्थिरता को कम करने में भी मदद करता है। वहीं म्युचुअल फंड उद्योग मुख्य रूप से निवेश के लिए एसआईपी पर निर्भर करता है।

Also read: SBI Mutual Fund: ₹10,000 मंथली SIP से बना 1 करोड़ का फंड, हर साल 21% की दर से बढ़ा पैसा

मार्च में MF का AUM 23% बढ़ा

इक्विटी म्युचुअल फंड में वित्त वर्ष 2024-25 में 4.17 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज 1.84 लाख करोड़ रुपये से काफी अधिक है। इस पर्याप्त वृद्धि का श्रेय मजबूत उद्योग आय, अनुकूल वृहद आर्थिक स्थितियों तथा पसंदीदा परिसंपत्ति वर्ग के रूप में इक्विटी की ओर निरंतर रुझान से प्रेरित निवेशक भावना में सुधार को दिया जा सकता है। एसआईपी प्रवाह में नियमित मासिक वृद्धि से उद्योग को अपना प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (AUM) मार्च 2025 में 23 प्रतिशत बढ़ाकर 65.74 लाख करोड़ रुपये करने में मदद मिली, जो मार्च 2024 में 53.40 लाख करोड़ रुपये था।

First Published : April 14, 2025 | 2:26 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)