म्युचुअल फंड

म्यूचुअल फंड कंपनियों में फ्रंट-रनिंग और धोखाधड़ी पर कसेगी लगाम, SEBI ने नियमों में किया बड़ा बदलाव

सेबी ने परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों को संभावित बाजार दुरुपयोग रोकने के लिए एक ‘संस्थागत व्यवस्था’ स्थापित करना जरूरी बनाने का फैसला किया गया है।

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भाषा   
Last Updated- April 30, 2024 | 8:05 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के निदेशक मंडल ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को संचालित करने वाले मानदंडों में मंगलवार को संशोधन किया। इसके तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को संभावित बाजार दुरुपयोग रोकने के लिए एक ‘संस्थागत व्यवस्था’ स्थापित करना जरूरी बनाने का फैसला किया गया है।

यह संस्थागत व्यवस्था पहचान और संभावित बाजार दुरुपयोग की रोकथाम के अलावा प्रतिभूतियों में ‘फ्रंट-रनिंग’ (कीमत को प्रभावित करने वाली संवेदनशील जानकारी के आधार पर ब्रोकर का कारोबार करना) और धोखाधड़ी वाले लेनदेन पर नजर रखेगी।

बाजार नियामक ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि व्यवस्था में उन्नत निगरानी प्रणाली, आंतरिक नियंत्रण प्रक्रियाएं और ‘फ्रंट रनिंग’, भेदिया कारोबार और संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग सहित विशिष्ट प्रकार की गड़बड़ी की पहचान, निगरानी और समाधान करने के लिए प्रक्रियाएं शामिल होनी चाहिए।

बयान के मुताबिक इसके अलावा अपनी योजनाओं के निवेश को पूरी तरह से समाप्त करने में असमर्थता के संबंध में पूर्ववर्ती उद्यम पूंजी कोष (वीसीएफ) मानदंडों के तहत पंजीकृत वीसीएफ के समक्ष आने वाले मुद्दों के समाधान को लेकर सेबी के निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

इस प्रस्ताव के तहत ऐसे वीसीएफ को वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) नियमों में स्थानांतरित होने और अघोषित निवेश के मामले में एआईएफ के लिए उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाने का विकल्प मिलेगा।

First Published : April 30, 2024 | 8:05 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)