मजबूत, सतत शुद्ध प्रवाह और अनुकूल बाजार परिस्थितियों की वजह से नवंबर के अंत में स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड श्रेणी का परिसंपत्ति आधार 69 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ दो लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
म्यूचुअल फंड कंपनियों के राष्ट्रीय संगठन एम्फी के आंकड़ों से पता चलता है कि मासिक आधार पर छोटी कंपनियों में निवेश करने वाली इस कोष श्रेणी की प्रबंधन-अधीन संपत्तियां (एयूएम) 10 प्रतिशत बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही के बाद से अनुकूल बाजार गतिविधियों के साथ रिकॉर्ड शुद्ध प्रवाह से स्मॉलकैप म्यूचुअल खंड के एयूएम में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। इस साल नवंबर तक स्मॉलकैप फंड योजनाओं में 37,178 रुपये लगाए गए। इसमें पिछले महीने 3,699 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 4,495 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश शामिल है।
दूसरी तरफ लार्जकैप फंड श्रेणी में इस साल के पहले 11 महीनों में 2,688 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखी गई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर के अंत में स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड का परिसंपत्ति आधार 2.2 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
इस श्रेणी में निवेशक खातों की संख्या भी नवंबर में बढ़कर 1.6 करोड़ हो गई जो साल भर पहले 97.52 लाख थी। इससे पता चलता है कि निवेशकों का झुकाव स्मॉलकैप फंड की ओर बढ़ा है। बाजार नियामक सेबी के नियमों के तहत स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड में कोष प्रबंधकों को अपने पोर्टफोलियो का कम-से-कम 65 प्रतिशत निवेश छोटे शेयरों में करना जरूरी होता है।
यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी प्रदीपकुमार ने सुझाव दिया कि अल्पकालिक अस्थिरता की आशंका को देखते हुए निवेशकों को स्मॉलकैप एवं मिडकैप कोषों में अपने निवेश को कम करना चाहिए।
कुल मिलाकर, 42 कंपनियों वाले म्यूचुअल फंड उद्योग की कुल प्रबंधन-अधीन संपत्तियां नवंबर के अंत में 49.04 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं जो साल भर पहले के 40.37 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है।