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अगले साल घंटे भर में निपटने लगेंगे सौदे, SEBI ने शुरू की तैयारी

भारत दुनिया का ऐसा पहला देश है, जिसने T+1 निपटान शुरू किया है और अब महज एक घंटे में निपटान की हो रही बात

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- September 05, 2023 | 9:42 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अगले साल सौदे महज एक घंटे के भीतर निपटाने की तैयारी कर रहा है। सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने संकेत दिया है कि 2024 के अंत तक सौदों का निपटान तुरंत करने की सुविधा देने की उनकी कोशिश है।

बुच ने आज ग्लोबल फिनटेक फेस्ट कार्यक्रम में कहा, ‘भारत दुनिया का ऐसा पहला देश है, जिसने टी+1 निपटान (सौदे के अगले दिन निपटान) शुरू किया है। अब हम सौदों को महज एक घंटे में निपटाने की बात कर रहे हैं जो तत्काल निपटान की दिशा में नया कदम होगा। यह जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।’

सेबी ने जनवरी तक सेकंडरी बाजार के लिए अस्बा (ASBA) जैसा मॉडल शुरू करने की योजना भी बनाई है। बाजार नियामक अगले साल के शुरुआती महीनों में सौदे एक घंटे में निपटाने की सुविधा शुरू करने की तैयारी में है। सौदों का तत्काल निपटान वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही तक लागू होने की उम्मीद है।

बुच ने कहा, ‘सौदों को घंटे भर में निपटाने के लिए प्रौद्योगिकी पहले से ही है। हमें केवल इसे लागू करना है। तत्काल निपटान की बात करें तो प्रणाली में कुछ तकनीकी सुधार करने की जरूरत है​ जिसमें 6 से 8 महीने लग सकते हैं।’

भारत ने सौदों का निपटान दो दिन से एक दिन के भीतर करने की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से अंजाम दिया। बाजार पूंजीकरण (mcap) के लिहाज से सबसे छोटी कंपनियों के लिए इसे पहले लागू किया गया। अधिक पूंजीकरण वाली कंपनियों के लिए टी+1 की शुरुआत इस साल जनवरी के अंत तक हुई।

टी+1 में सौदा होने के एक दिन बाद यानी अगले दिन शेयरों और रकम का लेनदेन होता है। एक घंटे में निपटान के तहत खरीद-फरोख्त के महज एक घंटे के भीतर शेयरों को डीमैट खाते में भेज दिया जाएगा।

बाजार नियामक ने मार्च में अपनी बोर्ड बैठक में द्वितीयक बाजार के लिए अस्बा जैसे मॉडल को मंजूरी दे दी थी और संकेत दिया था कि यह वैकल्पिक ही होगा। मगर सौदों के तत्काल निपटान पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने चिंता जताई है। इस पर सेबी प्रमुख ने कहा कि द्वितीयक बाजार की अस्बा जैसी व्यवस्था शुरुआत में एफपीआई के लिए वैकल्पिक होगी।

सेबी प्रमुख ने स्टॉक एक्सचेंज, म्युचुअल फंड, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (PMS), परिसंप​त्ति प्रबंधन जैसी विनियमित संस्थाओं पर गहरी नजर रखने और खुलासों का बोझ कम करने के लिए आर्टिफीशल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि खुलासों की जानकारी अब सार्वजनिक की जा रही है। यह AI के लिए सोने की खान की तरह है क्योंकि इसका विश्लेषण कर कमाई की जा सकती है।

फिलहाल सेबी म्युचुअल फंडों की निगरानी के लिए लगभग 80 एल्गोरिदम इस्तेमाल कर रहा है। अनुपालन नहीं किए जाने या समस्याओं की नियमित रिपोर्ट भी तैयार की जाती है। बाजार नियामक एआई की मदद से इस व्यवस्था का विस्तार अन्य विनियमित संस्थाओं तक करने की योजना बना रहा है।

बाजार नियामक म्युचुअल फंड एवं ऐसे अन्य योजनाओं की गलत तरीके से बिक्री का पता लगाने के लिए भी एआई इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। बुच ने कहा, ‘हम गलत जानकारी देकर बिक्री (मिस-सेलिंग) का पता लगाने के लिए इनबिल्ट प्रणाली तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। आंकड़ों पर एआई इस्तेमाल कर ऐसा किया जाएगा।’

First Published : September 5, 2023 | 9:42 PM IST