संस्थागत निवेशकों ने एनएचपीसी के ऑफर फॉर सेल में 80.2 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई, जो कुल पेशकश 35.1 करोड़ शेयरों का 2.3 गुना बैठता है। ज्यादातर बोली करीब 68 रुपये प्रति शेयर पर लगाई गई जबकि सरकार की तरफ से फ्लोर प्राइस 66 रुपये तय किया गया है। एनएचपीसी का शेयर 3.2 फीसदी की गिरावट के साथ 71 रुपये पर बंद हुआ।
ओएफएस के जरिये सरकार पनबिजली कंपनी की करीब 3.5 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश करना चाह रही है। यह शेयर बिक्री पिछले एक साल में एनएचपीसी के शेयरों में करीब 70 फीसदी की तेजी के बाद देखने को मिली है। करीब 3.5 करोड़ शेयर खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हैं, जिसकी नीलामी शुक्रवार को होगी।
दिसंबर 2023 की तिमाही के आखिर में सरकार के पास एनएचपीसी की 70.95 फीसदी हिस्सेदारी थी। ओएफएस के बाद सरकार की हिस्सेदारी घटकर 67.45 फीसदी रह जाएगी। एनएचपीसी की शेयर बिक्री से पहले सरकार ने सूचीबद्ध पीएसयू की हिस्सेदारी बेचकर इस वित्त वर्ष में अब तक 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
1 अप्रैल 2023 से अब तक सरकार ने ओएफएस के तहत कोल इंडिया की शेयर बिक्री से 4,186 करोड़ रुपये, हुडको के शेयर से 1,050 करोड़ रुपये, आरवीएनएल के शेयर से 1,366 करोड़ रुपये और एसजेवीएन के शेयर से 1,350 करोड़ रुपये जुटाए हैं।