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सरकारी ऊर्जा कंपनियों के आईपीओ का सही वक्त नहीं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:02 PM IST

ऐसे समय में जब सरकार अपनी ऊर्जा कंपनियों के पब्लिक ऑफर लाने की योजना बना रही है, विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालातों में इन कंपनियों का बेहतर वैल्यूएशन नहीं हो पाएगा।


देश की सबसे बड़ी जल-विद्युत कंपनी एनएचपीसी को आशा है कि वह अक्टूबर में अपने आईपीओ के जरिए 1,600 रुपए जुटा लेगी। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी के शेयरों की बिक्री डिस्काउंट पर हो सकती है।

सरकार दूसरी अन्य ऊर्जा कंपनियों जैसे दामोदर वैली कारपोरेशन (डीवीसी) और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन (नीपको) के शेयरों को भी इस साल के अंत तक जनता के बीच लाने की सोच रही है।
 
ऊर्जा क्षेत्र पर नजर रखने वाले मुंबई के एक विश्लेषक का कहना है कि बाजार के कमजोर रुख और करीब सभी बड़ी ऊर्जा कंपनियों के शेयरों के गिरने से इन कंपनियों के आईपीओ पर भी असर पड़ सकता है।

लगभग सभी ऊर्जा कंपनियों के पब्लिक इश्यू अभी डिस्काउंट लेवल पर हैं और ऊर्जा कंपनियों के आगे आने वाले आईपीओ भी बाजार की हालत में सुधार न होनें तक टल सकते हैं। रिलायंस पावर के शेयरों की कीमतों में 11 फरवरी को सूचीबध्द होने के बाद करीब 54 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इस पब्लिक ऑफर का इश्यू प्राइस 450 रुपए प्रति शेयर था लेकिन यह डिस्काउंट पर सूचीबध्द हुआ।

सरकारी ऊर्जा कंपनी जो शेयर बाजार में 121 रुपए पर सूचीबध्द हुई थी, केशेयरों की कीमतों में भी अब तक 22.1 फीसदी की गिरावट आ चुकी है और इसका कारोबार इससमय 94.40 रुपए पर हो रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज केपॉवर इंडेक्स में सेंसेक्स से भी ज्यादा की गिरावट आई है।

जहां सेंसेक्स में जनवरी के उच्चतम स्तर से 23.62 फीसदी की गिरावट आई है वहीं पॉवर इंडेक्स 40.5 फीसदी गिरकर 4647.66 अंकों पर है। सेंसेक्स में सूचीबध्द ऊर्जा कंपनियों जैसे एनटीपीसी के शेयरों में जनवरी की कीमत से 27.41 फीसदी की गिरावट आई है जबकि देश की सबसे बड़ी ऊर्जा उपकरण निर्माता कंपनी के शेयर 30.84 फीसदी तक गिर चुके हैं।

First Published : August 15, 2008 | 3:27 AM IST