नैशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई की गिफ्ट सिटी इकाइयों के विलय का प्रस्ताव अग्रिम चरण में पहुंच चुका है और दोनों एक्सचेंज इस महीने के आखिर तक नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में आवेदन कर सकते हैं। एक अग्रणी नियामकीय अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक, विलय प्रस्ताव को दोनों एक्सचेंजों के निदेशक मंडल ने अपनी-अपनी मंजूरी दे दी है। जब बात देसी ट्रेडिंग की आती है तो बीएसई व एनएसई एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी हैं। हालांकि गिफ्ट इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) में अपने प्लेटफॉर्मों को एकीकृत करने का कदम सरकार की तरफ से जोर दिए जाने के बाद उठाया जा रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, इन दोनों ऑफशोर प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम पहले से ही काफी कम है। दो प्रतिस्पर्धी एक्सचेंजों का परिचालन नकदी पर और असर डाल सकता है। इनका विचार एकीकृत मोर्चा बनाने, एक दूसरे की ताकत का लाभ उठाने और संयुक्त रूप से आईएफएससी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म विकसित करने का है।
बीएसई ने इस मसले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया, वहीं इस बारे में एनएसई को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। प्रस्तवित विलय को लेकर और विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि यह ऑल शेयर मर्जर हो सकता है। एनएसई आईएफएससी का पूरा स्वामित्व देश के सबसे बड़े एक्सचेंज एनएसई के पास है। बीएसई की आईएफएससी इकाई के चार अहम शेयरधारक हैं।
बीएसई के पास इंडिया इंक्स की 61.93 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि भारतीय स्टेट बैंक व आईसीआईसीआई बैंक के पास 10-10 फीसदी। 6.4 फीसदी हिस्सदारी जीवीएफएल के पास है। सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया इंक्स व उसकी क्लियरिंग कॉरपोरेशन में बीएसई की तरफ से कुल 225 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। सूत्रों ने कहा कि विलय के बाद बनने वाली इकाई में एनएसई की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी।
इंडिया इंक्स और एनएसई आईएफएससी ने अपना कामकाज 2017 में शुरू किया था और ये वैश्विक प्रतिभूतियों, इक्विटी, कमोडिटी और करेंसी डेरिवेटिव में ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं। साथ ही ऋण प्रतिभूतियों मसलन मसाला बॉन्ड व ग्रीन बॉन्ड को सूचीबद्ध कराने की सुविधा भी मिलती है।
हाल तक दोनों में ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी कम था। हालांकि जुलाई में कनेक्ट कार्यक्रम के तहत निफ्टी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट को सिंगापुर एक्सचेंज से एनएसई आईएफएससी में शिफ्ट किए जाने से वॉल्यूम में मजबूती आई है। गिफ्ट निफ्टी (विगत में एसजीएक्स निफ्टी) ने 29 अगस्त को अब तक का सर्वोच्च 13 अरब डॉलर का एक दिवसीय टर्नओवर दर्ज किया था।
इंडिया इंक्स और एनएसई आईएफएससी का विलय ऐसे समय में हो रहा है जब भारत सरकार गिफ्ट सिटी की गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कई नए कदम उठाने की योजना बना रही है। इनमें कंपनियों की सीधी सूचीबद्धताकी इजाजत, होल्डिंग कंपनी व स्पेशल पर्पज एक्विजिशन व्हीकल स्टार्टअप लिस्टिंग शामिल है।