बाजार नियामक सेबी से इन प्रिंसिपल स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही करेंसी फ्यूचर्स यानी मुद्रा वायदा कारोबार को शुरू करने की तैयारी में है।
एक्सचेंज ने इस डेरिवेटिव्स सेगमेंट की सदस्यता देने के लिए आवेदन भी आमंत्रित किया है। सदस्यता लेने के लिए अर्हताएं यह निर्धारित की गई हैं कि जो ब्रोकर पहले से ही एनएसई के सदस्य हैं उनका कुल नेट वर्थ 100 लाख रुपये का होना चाहिए जबकि कारोबार सह क्लिरिंग सदस्यता के लिए सदस्यता राशि 10 करोड़ रुपये तय की गई है।
एनसीडीइएक्स के लिए भी समान सदस्यता राशि रखी गई है। हालांकि नए आवेदकों के लिए यह राशि 10 करोड़ रुपये की रखी गई है। प्रक्रियात्मक शुल्क की जहां तक बात है तो एनसीडीइएक्स और नए आवेदकों के लिए यह राशि 10,000 रुपये रखी गई है। जबकि क्लियरिंग मेंबर को 10 लाख रुपये का भुगतान करन होगा।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते से एनएसई इस कारोबार के लिए प्रायोगिक कारोबार करना शुरू करेगा। मालूम हो कि सात अगस्त को सेबी और रिजर्व बैंक ने रुपये के उतार-चढ़ाव को प्रबंधित करने के लिए मुद्रा वायदा कारोबार को आरंभ करने का फैसला लिया था। इस कारोबार को करने के लिए भारतीय निवासी स्वीकृत हैं।
साथ ही वो विदेशी विनिमय दर के एक्सपोजर से अपनी सुरक्षा करने के लिए उन्हें करेंसी वायदा की खरीद-फरोख्त के लिए भी अनुमति है। मालूम हो कि करेंसी फ्यूचर्स एक फॉरेक्स डेरिवेटिव्स सौदा है जिसके तहत विभिन्न प्रकार की मुद्राओं की खरीद बिक्री किसी विशेष तारीख के मद्देनजर की जा सकती है।
यह खरीद फरोख्त सौदे में तय किए गए कीमत के आधार पर होगा। सेबी बोर्ड मीटिंग में मीडिया को संबोधित करते हुए भावे ने कहा कि कि सेबी सभी अर्जियों पर विचार कर रहा है जिसमें एमसीएक्स एवं बीएसई भी शामिल हैं। मालूम हो कि एमसीएक्स के द्वारा बनाई गई सब्सिडियरी कंपनी को पंजीकृत करने के लिए कहा गया है।