बाजार नियामक सेबी ने श्रेणी-2 ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) के निवेश नियमों को आसान बनाने का प्रस्ताव किया है ताकि उन्हें ए क्रेडिट रेटिंग या इससे नीचे की रेटिंग वाली ऋण प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा मिले। यह कदम असूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों में निवेश के कम होते मौकों को देखते हुए उठाया जा रहा है। इसकी वजह हाल में लिस्टिंग ऑब्लिकेशन ऐंड डिस्क्लोजर (एलओडीआर) रेग्ययुलेशंस में सेबी का संशोधन है।
एलओडीआर संशोधनों के मुताबिक सूचीबद्ध इकाइयों को सभी गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कराना होता है। इससे एआईएफ के लिएअसूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों की उपलब्धता में कमी आई है। श्रेणी-2 एआईएफ को प्राथमिक तौर पर असूचीबद्ध प्रतिभूतियों में अपने निवेश योग्य फंड का कम से कम 50 फीसदी निवेश करना होता है। हालांकि असूचीबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश के घटते मौकों को देखते हुए सेबी ने इस नियम में छूट देने का प्रस्ताव रखा है ताकि श्रेणी-2 एआईएफ ए क्रेडिट रेटिंग या इससे नीचे की रेटिंग वाली सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों में निवेश कर सकें।