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दावा न की गई परिसंपत्तियों के लिए डिजिलॉकर के उपयोग का प्रस्ताव

सेबी ने इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज को शेयर बाजार से बाहर निकलने की अनुमति दी, भारत का पहला एसएम रीट सूचीबद्ध हुआ

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बीएस संवाददाता   
भाषा   
Last Updated- December 10, 2024 | 10:02 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मृत निवेशकों की परिसंपत्तियों पर दावा करने की प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने का प्रस्ताव किया है। चर्चा पत्र के मुताबिक नियामक ने प्रस्ताव दिया है कि डिपॉजिटरी और म्युचुअल फंडों के लिए डिजिलॉकर में क्रमशः डीमैट और म्युचुअल फंडों की होल्डिंग का स्टेटमेंट देना जरूरी होगा।

नियामक ने भारत के महापंजीयक के आंकड़ों का उपयोग कर डिजिलॉकर उपयोगकर्ता की मृत्यु हो जाने पर इसे स्वतः अपडेट करने का भी प्रस्ताव दिया है। डिजिलॉकर नामांकित व्यक्ति को ईमेल और एसएमएस के जरिये खुद से सूचना भेजी जाएगी। इसके बाद नामांकित व्यक्ति मृत उपयोगकर्ता अथवा निवेशक के खाते से डिजिटल जानकारी लेकर उसकी वित्तीय परिसंपत्तियों के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

इससे बिना दावे वाली परिसंपत्तियों पर दावा करने की प्रक्रिया आसान होगी और निवेशकों एवं उनके नामांकित व्यक्तियों को अधिक सुविधा मिल सकेगी। सेबी ने इस प्रस्ताव पर 31 दिसंबर तक सार्वजनिक राय और सुझाव मांगे हैं जिसके बाद वह नई व्यवस्था को औपचारिक रूप दे सकता है।

सेबी ने इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज को शेयर बाजार से बाहर निकलने की अनुमति दी

सेबी ने मंगलवार को इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) को शेयर बाजार से बाहर निकलने की अनुमति दे दी। दो साल पहले इस एक्सचेंज की मान्यता वापस ले ली गई थी। यह कदम आईसीईएक्स के नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद उठाया गया है।

नियामक ने आईसीईएक्स को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत अपने कर दायित्वों का पालन करने, अपना नाम बदलने, ‘स्टॉक एक्सचेंज’ शब्द का उपयोग न करने और अपने मंच पर पिछले वर्षों के सभी लेन-देन का डेटाबेस बनाए रखने का निर्देश दिया है। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि उसने आईसीईएक्स की मूल्यांकन रिपोर्ट, अनुपालन प्रस्तुतियां और कथनों की समीक्षा की है।

एक्सचेंज ने सभी ज्ञात देनदारियों की घोषणा की और सेबी को भरोसा दिया कि उस पर कोई अघोषित तृतीय-पक्ष देनदारियां नहीं हैं। एक्सचेंज ने भविष्य में होने वाले किसी भी वित्तीय दावे की पूरी जिम्मेदारी भी ली। ऐसे में सेबी ने ‘स्टॉक एक्सचेंज के रूप में आईसीईएक्स के बाहर निकलने और उसे दी गई मान्यता वापस लेने’ की अनुमति दी है।

भारत का पहला एसएम रीट सूचीबद्ध हुआ

देश के पहले छोटे और मझोले रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (एसएम रीट) प्रॉपशेयर प्लैटिना में मंगलवार को कारोबार शुरू हुआ। प्रॉपशेयर की इकाई का कारोबार 10,50,000 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले 10,42,001 रुपये पर खत्म हुआ। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) पर 78 इकाइयों का कारोबार हुआ।

बेंगलूरु में कार्यालय स्थान रखने वाली प्रॉपशेयर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा रियल एस्टेट में आंशिक स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्मों को नियामकीय दायरे में लाने के बाद बाजार में आने वाली पहली कंपनी है। आखिरी बंद भाव पर प्रॉपशेयर का मूल्यांकन 350 करोड़ रुपये आंका गया। प्रॉपशेयर के पास प्रेस्टीज समूह की ओर से विकसित प्रेस्टीज टेक प्लैटिना में 2,46,935 वर्ग फुट का कार्यालय स्थान है।

First Published : December 10, 2024 | 10:02 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)