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मंदी ने खटखटाया दरवाजा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 1:43 AM IST

वैश्विक वित्तीय संकट का असर भारतीय कंपनियों पर दिखने लगा है।


अब तक जिन कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, उनमें से करीब 41 फीसदी कंपनियों के मुनाफे में कमी आई है।पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष की दूसरी तिमाही में 657 कंपनियों में से 218 कंपनियों का मुनाफा घटा है।

218 कंपनियों के मुनाफे में करीब 30.5 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि इनकी बिक्री में करीब 17.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी ओर, वर्ष 2007-08 की दूसरी तिमाही में इन कंपनियों का औसत मुनाफा 18.69 फीसदी रहा था, जबकि औसत आय में 19.23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।

जानकारों के मुताबिक, बढती लागत और मांग में की कमी की वजह से इन कंपनियों के मुनाफे में सेंध लगी है। यही नहीं, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों को करीब 669 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनियों के मुनाफे में सेंध लगने की मुख्य वजह उत्पादन लागत में बढ़ोतरी है।

इन श्रेणी में ऑटोमोबाइल, सीमेंट, मेटल, मीडिया, पूंजीगत वस्तु और उर्वरक कंपनियां शामिल हैं। अंबुजा सीमेंट और हेवी इलेक्ट्रिकल्स के मनाफे पर भी उत्पादन लागत बढ़ने से असर पड़ा है। हालांकि कुछ सिक्यूरिटीज और ब्रोकरेज कंपनियों को भी इस दौरान नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन उसकी वजह अलग है।

अंबुजा सीमेंट के प्रबंधकों का मानना है कि कोयला, फ्लाई एश और मालभाड़ा में बढ़ोतरी होने से उसके उत्पादन लागत में इजाफा हुआ है। वहीं उनका कहना है कि सरकारी पाबंदी की वजह से वे बढ़ी लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने में सक्षम नहीं है, जिसकी वजह से उनके मुनाफे पर असर पड़ा है।

हिंदुस्तान जिंक को भी धातुओं की कीमत में इजाफे की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है। कई कंपनियों को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने से भी नुकसान उठाना पड़ा है।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में करीब 41 फीसदी कंपनियों का मुनाफा घटा
लागत में बढ़ोतरी और मांग में कमी से कमाई पर असर
डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी किया प्रभावित

First Published : October 27, 2008 | 1:07 AM IST