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पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज वितरकों के लिए अनिवार्य होगा पंजीकरण

प्रस्ताव के तहत PMS को सकारात्मक, नकारात्मक व कोई रिटर्न नहीं मिलने वाले मामलों में तय शुल्क का ढांचा मुहैया कराना होगा।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- February 15, 2024 | 11:00 PM IST

बाजार नियामक सेबी ने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) के वितरकों के लिए एसोसिएशन ऑफ पोर्टफोलियो मैनेजर्स इन इंडिया (एपीएमआर्ई) के पास अनियार्य पंजीकरण का प्रस्ताव रखा है। 

दिसंबर 2021 में गठित एपीएमआई असल में पीएमएस उद्योग की संस्था है जो नीति निर्माणमें मदद करती है। इसके अलावा वह पोर्टफोलियो मैनेजरों, निवेशकों व नियामक के बीच अहम कड़ी के तौर पर भी काम करती है।

अभी वितरकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य नहीं है। हालांकि उन्हें नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (एनआईएसएम) से विशिष्ट प्रमाणीकरण की दरकार होती है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जोर दिए जाने के बाद बनी कारोबारी सुगमता समिति ने पंजीकरण की सिफारिश की है।

समिति ने शुल्क ढांचे का खुलासा आदि से जुड़ी परिचालन दिक्कतों को दूर करने का भी सुझाव दिया है। प्रस्ताव के तहत पीएमएस को सकारात्मक, नकारात्मक व कोई रिटर्न नहीं मिलने वाले मामलों में तय शुल्क का ढांचा मुहैया कराना होगा। साथ ही उसे इस संबंध में एक साल और कई साल की गणना का ब्योरा भी देना होगा।

First Published : February 15, 2024 | 11:00 PM IST