डॉलर सूचकांक और अमेरिकी सरकारी बॉन्ड में तेजी के बीच आज रुपया 83.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो उसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। अमेरिकी घटनाक्रम से 10 साल के बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल भी 4 आधार अंक बढ़ गया। रुपये को दुर्दशा से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को विदेशी मुद्रा बाजार में दखल देना पड़ा।
दिन के कारोबार में 83.16 तक लुढ़का रुपया आखिर में बेहद मामूली सुधार के साथ 83.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। सोमवार को यह 82.95 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। रुपया 19 अक्टूबर 2022 को 83.03 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था, जो आज से पहले इसका सबसे कमजोर स्तर था। आज रुपये की कीमत में 0.24 फीसदी की गिरावट आई जो 7 जुलाई के बाद की सबसे तेज गिरावट है।
10 साल मियाद वाले बेंचमार्क अमेरिकी बॉन्ड पर प्रतिफल 4.31 फीसदी पर पहुंच गया, जो 15 साल में सबसे अधिक प्रतिफल है। इस वजह से भारत सरकार के 10 साल के बेंचमार्क बॉन्ड का प्रतिफल भी 4 आधार अंक बढ़कर 7.25 फीसदी हो गया, जो पिछले चार महीने में सबसे ऊंचा स्तर है। सोमवार को इनका प्रतिफल 7.21 फीसदी था।
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (मुद्रा डेरिवेटिव्स एवं ब्याज दर डेरिवेटिव्स) अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ‘अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि और चीनी मुद्रा में नरमी मुख्य वजह रहीं। हमें लगता है कि इस महीने के अंत तक रुपया 82.70 से 83.50 प्रति डॉलर के दायरे में रह सकता है। रिजर्व बैंक ने दखल नहीं किया होता तो रुपया और भी लुढ़क सकता था और कारोबार के दौरान 83.29 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर से भी नीचे जा सकता था। केंद्रीय बैंक ने 2-3 अरब डॉलर बेचे होंगे।’
एशियाई मुद्राओं में रुपया आज चौथी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रही। मलेशिया के रिंगिट, फिलिपींस के पेसो और दक्षिण कोरिया के वॉन में उससे भी ज्यादा गिरावट आई। विदेशी बाजार में भी रुपया 83.45 प्रति डॉलर तक गिर गया। अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड का प्रतिफल बढ़ने से निवेशकों का जोर डॉलर पर रहा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के ट्रेडिंग प्रमुख और ईवीपी नवीन सिंह ने कहा, ‘रुपया ज्यादा से ज्यादा 83.50 तक गिरेगा, क्योंकि रिजर्व बैंक उसे अचानक ज्यादा नहीं गिरने देगा। अगरर गिरने दिया तो धीरे-धीरे ही गिरने देगा।’
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा बुधवार को जारी किया गया, जिसे देखकर डॉलर सूचकांक 103.53 तक चढ़ गया। उधर चीन की रियल एस्टेट कंपनी कंट्री गार्डन दो तरह के डॉलर बॉन्ड का भुगतान करने में नाकाम रही है, जिससे वित्तीय बाजार की चिंता काफी बढ़ गई है।
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने इस तिमाही दूसरी बार ब्याज दर 15 आधार अंक घटाई, जिससे चीनी मुद्रा आज काफी गिर गई। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए चीन में काफी मौद्रिक ढील दी जा रही है।
देश में बुनियादी पहलू मजबूत हैं मगर बाहरी वजहों से रुपये पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। अगस्त में अब तक रुपया 1 फीसदी कमजोर हुआ है और चालू वित्त वर्ष में इसमें 1.1 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वित्त वर्ष में रुपया 7.8 फीसदी लुढ़का था। दमदार विदेशी निवेश के बल पर रुपया चालू कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीनों में करीब 0.1 फीसदी मजबूत हुआ।