सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के बही खातों में उजागर गड़बड़ी के बाद अब कंपनी के शेयरों को 30 शेयरों के संवेदी सूचकांक (सेंसेक्स) से हटाया जा सकता है। हालांकि, बीएसई के प्रवक्ता ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
पर ब्रोकरों का कहना है कि इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद निवेशकों में कंपनी के शेयरों को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं रह जाएगी।
बीएसई किसी भी कंपनी को सेंसेक्स में शामिल करते वक्त कंपनी के इतिहास, कारोबारी गतिविधि, आखिरी रैंकिंग, बाजार पूंजीकरण वेटेज, संबंधित उद्योग में उस कंपनी का प्रतिनिधित्व और उसके ट्रैक रिकॉर्ड को ध्यान में रखता है।
ब्रोकिंग कंपनी शेयरखान में रिसर्च के प्रमुख गौरव झा ने बताया, ‘जब भी बाजार में बड़ी तेजी आती है तो उसके बाद सूचकांक में फेरबदल होता ही है। इस बार भी उम्मीद है कि जब फिर से सूचकांक की समीक्षा की जाएगी तो इस कंपनी के शेयर खुद ही बाहर का रास्ता देखेंगे।’
बीएसई की सूचकांक समिति एक निश्चित अवधि के बाद सेंसेक्स में शामिल कंपनियों की समीक्षा करती है। बुधवार को कारोबारी सत्र के दौरान सत्यम कंप्यूटर्स के शेयरों में 77.69 फीसदी की गिरावट आई और यह 39.95 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। इस तरह कंपनी का बाजार पूंजीकरण घटकर महज 2,692 करोड़ रुपये रह गया।
जैसे ही बुधवार को सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के अध्यक्ष और संस्थापक ने अपने पद से इस्तीफा दिया ब्रोकरों ने भी अपनी सूची में से इस कंपनी के शेयारों को बाहर कर दिया।
रेलिगेयर हिचेसनस हैरिसन, इंडिया इन्फोलाइन, एम्के ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज जैसी कुछ घेरलू ब्रोकिंग कंपनियों समेत विदेशी ब्रोकिंग कंपनी क्रेडिट सुइस ने भी यह कहते हुए सत्यम को कवर करने से मना कर दिया कि, ‘कंपनी की वित्तीय गतिविधियों पर फिलहाल भरोसा नहीं किया जा सकता है।’
राजू ने आज ही स्वीकार किया था कि कंपनी के मुनाफे को पिछले काफी समय से बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जा रहा था। कंपनी के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद जो खुलासा किया, उसके आधार पर क्रेडिट सुइस ने कहा कि कंपनी की वित्तीय गतिविधियां फिलहाल ऐसी नहीं है, जिन पर भरोसा किया जा सके।
ब्रोकिंग कंपनी ने कहा, ‘हालात को ध्यान में रखते हुए हम किसी को भी सत्यम में निवेश की सलाह नहीं दे सकते हैं और इसी वजह से हमने इस कंपनी को अपनी कवरेज सूची से ही हटा दिया है।’
वहीं रेलिगेयर हिचेन्स हैरिसन्स ने तो इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए टिप्पणी की है कि इस घटना के बाद कोई भी प्रतिद्वंद्वी कंपनी सत्यम को खरीदने तक में दिलचस्पी नहीं दिखाएगी।