शेयर बाजार की नियामक संस्था केंद्रीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सत्यम मामले से सबक लेते हुए सूचीबद्ध कंपनियों के प्रवर्तकों के लिए कंपनी के गिरवी रखे शेयरों की सूचना सार्वजनिक करना अनिवार्य कर दिया है।
हाल ही में देश की चौथी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में हुए देश के अब तक के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फर्जीवाड़े ने पूरे कॉर्पोरेट क्षेत्र में एक तरह से कोहराम मचा दिया।
इसके बाद से बाजार के नियामक से कुछ कारगर कदम उठाए जाने की उम्मीद की जा रही थी कि वह कुछ ऐसे उपाय करे कि भविष्य में सत्यम जैसे मामले फिर न हों।
सत्यम के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष बी रामलिंग राजू ने अपने लगभग सभी शेयर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के पास गिरवी रख कर उनसे कर्ज ले लिया था।
सेबी के अध्यक्ष सी बी भावे ने बैठक के बाद बताया कि गिरवी रखे गए शेयरों के मामले में दो चरणों में रिपोर्ट करने की व्यवस्था होगी। रिपोर्ट देने के तौर तरीकों के विवरण की अधिसूचना अभी जारी की जानी है।
इससे पहले सेबी अपने संबंधित नियमों और बाजारों में शेयर सूचीबध्दता के समझौतों के प्रारूप में संशोधन करेगा। इस बीच सेबी ने कहा है कि सत्यम में घोटाले के आकार की थाह लेने में अभी भाग्य ने उसका साथ नहीं दिया है। मतलब पूछताछ करने के लिए राजू अभी भी सेबी की पहुंच से दूर हैं।