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RTA के लिए बनेगी नई व्यवस्था, SEBI कर रहा विचार

बाजार नियामक SEBI अन्य सुधार के अलावा नेटवर्थ में कई गुना इजाफा कर सकता है।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- September 25, 2023 | 9:53 PM IST

बाजार नियामक सेबी रजिस्ट्रार ऐंड ट्रांसफर एजेंटों (आरटीए) के लिए नया नियामकीय ढांचा लाने की योजना बना रहा है। आरटीए मार्केट इंटरमीडिएरीज होते हैं, जिनके ऊपर सभी बॉन्डधारकों व शेयरधारकों का रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी होती है जब कंपनियां आम शेयरधारकों को प्रतिभूतियों की पेशकश करती है।

सूत्रों ने कहा कि बाजार नियामक आरटीए के नेटवर्थ की जरूरतों में कई गुना इजाफा करने पर विचार कर रहा है, जिससे कंपनियां रिकॉर्ड रखने के लिए इन-हाउस आरटीए के प्रति हतोत्साहित हो सकती हैं।

अभी आरटीए के कैटिगरी-1 और कैटिगरी-2 के लिए न्यूनतम नेटवर्थ क्रमश: 50 लाख रुपये व 25 लाख रुपये है। अब नेटवर्थ की अनिवार्यता पात्र आरटीए के लिए 10 करोड़ रुपये व अन्य आरटीए के लिए 5 करोड़ रुपये की जा सकती है।

कैटिगरी-1 आरटीए किसी इश्यू के रजिस्ट्रार व शेयर ट्रांसफर एजेंट का काम कर सकती है, वहीं कैटिगरी-2 के आरटीए इनमें से कोई एक ही भूमिका का निर्वहन कर सकती है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि ज्यादातर बड़ी आरटीए का नेटवर्थ पहले ही ज्यादा है और ज्यादा नेटवर्थ की अनिवार्यता से कई अन्य इन-हाउस आरटीए प्रभावित हो सकती हैं और निष्क्रिय आरटीए को अपने लाइसेंस सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।

सूत्रों ने कहा कि नियामक की योजना आरटीए पर चर्चा पत्र जारी करने की है। यह कदम ऐसे समय में देखने को मिल रहा है जब नियामकीय बदलावों मसलन आईपीओ आवंटन व सूचीबद्धता के लिए टी प्लस 3 चक्र की खातिर अपनी क्षमता बढ़ाने और तकनीक को उन्नत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। साथ ही वैश्विक स्तर पर नियामक आगे रहने की कोशिश कर रहे हैं जब बात वित्तीय अपराध व साइबर सुरक्षा से संबंधित जोकिम की बात आती है।

एक सूत्र ने कहा, आरटीए की भूमिका व गतिविधियों में इजाफा नेटवर्थ में इजाफे की आवश्यकता बताता है ताकि सुनिश्चित हो कि उनके पास पर्याप्त वित्तीय क्षमता है जो उन्हें बेहतर व्यवस्था व ढांचा तैयार करने, बेहतर तकनीक अपनाने और निवेशकों व कंपनियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाए।

सूत्रों ने कहा कि नियामक न्यूनतम नेटवर्थ के मानक को पूरा करने के लिए आरटीए को तीन साल की मोहलत दे सकता है। इस बारे में सेबी से कोई टिप्पणी नहीं मिली।

सूत्रों के मुताबिक, नियामक विशिष्ट बुनियादी ढांचा मसलन जगह की न्यूनतम जरूरत, अलग सर्वर रूम और हर 10,000 फिजिकल फोलियो के लिए कम से कम एक पूर्णकालिक कर्मचारी आदि की आवश्यकता की समीक्षा कर रहा है।

इसके अलावा सेबी अग्रणी आरटीए की जवाबदेही में इजाफा करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए संस्थागत व्यवस्था बनाने पर भी विचार कर रहा है, जो ब्रोकरेज उद्योग के लिए अपनाए गए ढांचे के समान होगा।

सेबी की वेबसाइट के मुताबिक, यहां 75 से ज्यादा प्रमाणीकृत आरटीए हैं। हालांकि कंप्यूटर ऐज मैनेजमेंट सर्विसेज (कैम्स), केफिन टेक्नोलॉजिज और लिंक इनटाइम एकमात्र पात्र आरटीए हैं और ज्यादातर बाजार हिस्सेदारी इन्हीं के पास है। सेबी के पास पंजीकृत सभी आरटीए अभी सक्रिय नहीं हैं।

आईटीसी, एसीसी और अपोलो टायर्स जैसी कंपनयां आरटीए के तौर भी पंजीकृत हैं। लाइसेंसिंग की अनिवार्यता उन कंपनियों के लिए है जो निवेशक सेवा से जुड़ी कवायद अपने यहां करने को तरजीह देती हैं।

लिंक इनटाइम इंडिया के एमडी किशोर ठक्कर ने कहा, ​विगत में हिंडाल्को, ल्यूपिन, इंडियन होटल्स और ईस्ट इंडिया होटल्स ने इन हाउस इन्वेस्टर सर्विसेज से थर्ड पार्टी आरटीए को चुना है। सक्रिय चर्चा के मुताबिक, सेबी इस बात की वकालत कर रही है कि जिन कंपनियों के पास अभी भी इन हाउस आरटीए है, वे थर्ड पार्टी आरटीए का रुख करें क्योंकि इन हाउस कवायद में काफी संसाधन व मेहनत लगता है।

First Published : September 25, 2023 | 9:53 PM IST