भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डिजिलॉकर (DigiLocker) के साथ मिलकर एक बड़ा कदम उठाया है जिससे शेयर बाजार (Stock Market) और म्युचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी। 1 अप्रैल से इन्वेस्टर्स अपने स्टॉक्स और म्युचुअल फंड होल्डिंग्स की जानकारी DigiLocker में सुरक्षित रख सकेंगे और जब चाहें, आसानी से एक्सेस कर सकेंगे। इसके अलावा, निवेशक DigiLocker में नॉमिनी भी एड कर सकेंगे।
SEBI ने अपने नए सर्कुलर में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को निर्देश दिया है कि वे निवेशकों को DigiLocker में अपने लेटेस्ट या अंतिम उपलब्ध समेकित खाता विवरण (CAS), पिछले 30 दिनों के म्युचुअल फंड यूनिट ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट और डिमैट अकाउंट स्टेटमेंट स्टोर करने की अनुमति दें।
SEBI का उद्देश्य इस नियम के जरिए निवेशकों की मृत्यु के कारण छूटे हुए म्युचुअल फंड संपत्तियों (unclaimed MF assets) की संख्या को कम करना है। फिलहाल बैंक अकाउंट, इंश्योरेंस और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की जानकारी पहले से ही DigiLocker में उपलब्ध है।
DigiLocker अब निवेशकों के लिए नॉमिनेशन की सुविधा भी प्रदान करेगा, जिससे नॉमिनी निवेशक की मृत्यु के बाद उसकी सभी डिजिटल जानकारी तक पहुंच प्राप्त कर सकेगा।
DigiLocker निवेशक की मृत्यु की स्थिति को ऑटोमैटिक रूप से अपडेट करेगा। यह जानकारी Registrar General and Census Commissioner के रजिस्ट्रार या KRA (KYC Registration Agency) में उपलब्ध मृत्यु प्रमाणपत्र और सत्यापित डेटा के माध्यम से प्राप्त की जाएगी।
इस नए सिस्टम के तहत, नॉमिनी को निवेशक की मृत्यु की सूचना SMS और ईमेल के जरिए दी जाएगी। इसके बाद, नॉमिनी अपनी पहचान सत्यापित कर निवेशक के DigiLocker अकाउंट में स्टोर दस्तावेजों तक पहुंच प्राप्त कर सकेगा।
SEBI ने सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs), रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स (RTAs) और डिपॉजिटरीज को DigiLocker के साथ इश्यूअर के रूप में रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया है, ताकि निवेशकों को अपने म्युचुअल फंड दस्तावेजों तक आसान एक्सेस मिल सके। साथ ही, वे नियामकीय आवश्यकताओं से परे अतिरिक्त दस्तावेज भी निवेशकों को प्रदान कर सकते हैं।
सेबी ने निवेशकों को DigiLocker का उपयोग करने और अपने नॉमिनी को जोड़ने की सलाह दी है। यह डिमैट अकाउंट और म्युचुअल फंड फोलियो में पहले से किए गए नॉमिनेशन के अतिरिक्त होगा। ऐसे निवेशक जो अपनी प्रतिभूतियों (securities) को भौतिक रूप में रखते हैं, वे भी अपने होल्डिंग्स को डिमैट फॉर्म में कन्वर्ट करके इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।