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सत्यम मामले में अवैध कमाई की रकम सेबी ने घटाई

सत्यम प्रवर्तकों पर प्रतिबंध जारी

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- December 01, 2023 | 10:13 PM IST

बाजार नियामक सेबी ने सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के प्रवर्तकों की तरफ से जमा कराई जाने वाली अवैध कमाई की रकम 813 करोड़ रुपये से घटाकर 622 करोड़ रुपये कर दी है।

फरवरी में प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने यह मामला वापस सेबी को भेजते हुए निर्देश दिया था कि वह अवैध कमाई की दोबारा गणना करे और प्रवर्तकों पर पाबंदी पर फिर से विचार करे। सत्यम मामले में ट्रिब्यूनल की तरफ से यह तीसरा आदेश है।

नवंबर 2018 के आदेश में बाजार नियामक ने सत्यम के पूर्व प्रबंधन बी सूर्यनारायण राजू, बी रामा राजू और बी रामलिंग राजू को 14 साल तक प्रतिभूति बाजार में प्रवेश से रोक दिया था। 14 साल की अवधि जुलाई 2014 से मानी जाएगी।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण की तरफ से जारी संशोधित आदेश में बी रामलिंग राजू और बी राम राजू को जुलाई 2028 तक प्रतिभूति बाजार में प्रवेश से रोका गया है। इसके अलावा अवैध कमाई को लेकर सेबी ने यह भुगतान जनवरी 2009 से 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ करने का निर्देश दिया है।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य ने कहा है, यह निष्कर्ष कि रामलिंग राजू और राम राजू ने सत्यम की पूरी धोखाधड़ी को अंजाम दिया था और सैट के पहले आदेश में सही करार दिया गया था।

हालांकि बीत गई अवधि को लेकर इन पर पाबंदी पर विचार और सैट के तीसरे आदेश के तहत दिए गए निर्देश के बाद मैंने पाया है कि इन लोगों पर पाबंदी की बाकी अवधि लागू होनी चाहिए, जैसा कि सेबी के पहले व चौथे आदेश में निर्देशित है।

सेबी के संशोधित आदेश में बी सूर्यनारायण राजू, एसआरएसआर होल्डिंग्स, वी श्रीनिवास और जी रामकृष्ण पर कोई और पाबंदी नहीं लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि बी सूर्यनारायण राजू, एसआरएसआर होल्डिंग्स पहले ही सात साल की पाबंदी झेल चुके हैं।

सेबी ने यह भी कहा है कि रामलिंग राजू, राम राजू, वी श्रीनिवास और जी रामकृष्णा इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक पाबंदी जारी रहेगी।

First Published : December 1, 2023 | 10:13 PM IST