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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सेबी ने NSE को लौटाए 300 करोड़ रुपये

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समी मोडक
Last Updated- May 16, 2023 | 11:42 PM IST

सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से 3,000 करोड़ रुपये मिले हैं। सर्वोच्च न्यायालय अभी बहुचर्चित कोलोकेशन मामले में बाजार नियामक की अपील पर सुनवाई कर रहा है।

शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को बाजार नियामक को निर्देश दिया था कि वह NSE को 1,107 करोड़ रुपये में से 300 करोड़ रुपये लौटाए, जो एक्सचेंज ने कोलो मामले में अनापत्ति के हिस्से के रूप में जमा किए हैं।

NSE द्वारा यह वादा किए जाने के बाद रकम लौटा दी गई थी कि अगर सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपील में उसकी जीत होती है तो वह पूरी रकम सेबी को लौटा देगा। सेबी को पूरी राशि वापस कर देगा।

NSE ने खुलासा किया, ‘NSE ने 28 मार्च, 2023 को सेबी को अपना अनुरोध सौंपा था। इसे 21 अप्रैल को 300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। इसकी वापसी की तारीख सितंबर में होगी।’

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जनवरी में, जनवरी में, प्रतिभूति अपील पंचाट (SAT) ने NSE के खिलाफ बाजार नियामक द्वारा 2019 में पारित 1,000 करोड़ रुपये के डिस्गॉर्ज्मेंट ऑर्डर (disgorgement orders) को रद्द कर दिया था। SAT ने सेबी द्वारा जारी सभी गैर-मौद्रिक निर्देशों को बरकरार रखा है। NSE को जुर्माना के रूप में सिर्फ 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा।

सेबी ने बाद में SAT के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी क्योंकि उसने पंचाट के आदेश में कई विसंगतियां पाईं।

कोलोकेशन मामला NSE की कोलोकेशन सुविधा तक अनुचित पहुंच प्राप्त करने वाले कुछ ब्रोकरों से संबंधित है।

First Published : May 16, 2023 | 8:32 PM IST