औद्योगिक मामलों के मंत्रालय ने सेबी से कहा है कि वह म्युचुअल फंड में निवेश पर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल यानी एचएनआई से लिए जाने वाले कम एंट्री और एक्जिट लोड पर फिर से विचार करे।
मंत्रालय ने विजय गोखले नाम के एक कार्र्यकत्ता के द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है। इस बारे में कई निवेशकों का मत है कि म्युचुअल फंड निवेश के मूल्य के आधार पर अपने निवेशकों में अंतर करते रहे हैं।
हाई वैल्यू वाले निवेशकों से फंड कम या फिर कुछ भी एंट्री या एक्जिट लोड नहीं लेते। एंट्री लोड बिक्री एवं मार्केटिंग खर्चों को रिकवर करने के लिए लिया जाता है जबकि निर्गत शुल्क इसलिए लिया जाता है ताकि निवेशक लंबे समय तक बने रहे। हालांकि म्युचुअल फंड अपने इन कदमों को इस तर्क से सही ठहराते हैं कि इससे उन्हें ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिलते हैं।