येस बैंक के पिछले हफ्ते आए अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) की बिक्री की सुविधा उपलब्ध कराने वाले कई ब्रोकर पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के जांच दायरे में आए हैं।
येस बैंक ने निर्गम के जरिये 12.5 अरब से अधिक नए शेयर जारी किए थे। इन शेयरों की ट्रेडिंग सोमवार से शुरू हुई है। हालांकि एफपीओ आवेदकों को ये शेयर अलग अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति पहचान संख्या (आईएसआईएन) के साथ शुक्रवार को ही आवंटित हो गए थे, जिसकी ट्रेडिंग की मनाही थी। दूसरे शब्दों में ये शेयर निवेशकों के डीमैट खाते में जमा किए थे लेकिन वे इनकी बिक्री नहीं कर सकते थे।
समझा जाता है कि कुछ ब्रोकरों ने येस बैंक के नए शेयर को सूचीबद्घ होने से पहले ही शुक्रवार को अपने ग्राहकों को इन शेयरों की बिक्री की सुविधा उपलब्ध कराई थी। इससे ब्रोकरों के ग्राहकों को अच्छा मुनाफा हुआ। शुक्रवार को येस बैंक का शेयर एफपीओ मूल्य 12 रुपये से 14 फीसदी चढ़कर 13.7 रुपये पर बंद हुआ था।
सोमवार को जब नए शेयर सूचीबद्घ हुए तो येस बैंक के शेयर में 10 फीसदी का निचला सर्किट लगा और 12.30 रुपये पर बंद हुआ। एक्सचेंज पर येस बैंक के शेयरों के केवल बिकवाल थे और खरीदार नदारद रहने से कई निवेशक एफपीओ में आवंटित शेयर बेच नहीं पाए। सेबी के एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर ब्रोकरों ने पिछले हफ्ते अपने ग्राहकों को एफपीओ से इतर शेयर बेचने की अनुमति दी है तो नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। मगर एफपीओ में आवंटित शेयर को बेचने की सुविधा प्रदान की है तो यह स्पष्ट तौर पर नियमों का उल्लंघन है।’
येस बैंक का 15,000 करोड़ रुपये का एफपीओ 17 जुलाई को बंद हुआ था। 22 जुलाई को शेयर आवंटन को अंतिम रूप दिया गया और निवेशकों के डीमैट खाते में 24 जुलाई को शेयर जमा किए गए।
सूत्रों ने कहा कि ब्रोकरों ने शुक्रवार या गुरुवार को संभवत: ‘टी+2’ ट्रेडिंग चक्र का लाभ उठाया होगा। यहां टी का मतलब जिस दिन ट्रेडिंग शुरू होती है, वहीं 2 का अर्थ डीमैट खाते से शेयर का बाहर निकलना है।
उद्योग के एक भागीदार ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘उल्लंघन को साबित करना कठिन होगा। अगर ब्रोकरों ने शुक्रवार को शेयरों की बिक्री की अनुमति दी हो तब भी डीमैट खाते से शेयर सोमवार या मंगलवार को निकलेंगे जब एफपीओ का आईएसआईएन नियामक के आईएसआईएन के साथ जुड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि सिस्टम से ऑनलाइन ऑर्डर होते हैं और ब्रोकरों ने अपने ग्राहकों को येस बैंक के एफपीओ शेयरों को बेचने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि संभव है कि पारंपरिक तरीके से काम करने वाले ब्रोकरों ने शुक्रवार को आवंटन के आधार पर शेयर बिक्री की अनुमति दी हो और इसका निपटान बाद में हुआ हो।
गुरुवार को येस बैंक का शेयर कारोबार के दौरान 16 रुपये के उच्च स्तर को छूने के बाद कुछ गिरावट के साथ 15.7 रुपये पर बंद हुआ था। उद्योग से जुड़े एक अन्य शख्स ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘पिछले हफ्ते जिन्होंने शेयर की बिक्री की होगी उन्हें न केवल बेहतर कीमत मिली होगी, बल्कि आसानी से खरीदार भी मिल गए होंगे। सोमवार को नए शेयर के सूचीबद्घ होने के तुरंत बाद ही येस बैंक में निचला सर्किट लग गया था। नियामक को इस मामले की जांच करनी चाहिए।’
इस बारे में सेबी का पक्ष जानने के लिए ईमेल भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया।