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सेंसेक्स ने खाए जबरदस्त हिचकोले

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 4:03 PM IST

इस साल दलाल स्ट्रीट खूब लाल हुई। जनवरी में बाजार जहां बुलंदियों पर था अक्टूबर आते-आते धड़ाम से जमीन पर आ गया।


वैश्विक मंदी के  साये में एशिया के सबसे पुराने शेयर बाजार में आई आंधी से कई बड़ी-बड़ी कंपनियों तंबू उखड़ गए। निवेशकों के पैसों में धुंआ निकलता रहा। कंपनियों के शेयरों की पिटाई होती रही। लगभग हर सेक्टर की हर कंपनी की हालत इस गिरावट ने पतली कर दी।

इनमें भी खासतौर से रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचे और बैंकिंग शेयरों की हालत सबसे ज्यादा खस्ता रही जबकि एफएमसीजी और फार्मा जैसे सेक्टर इस तूफान में कुछ बच गए।

बाजार 8 जनवरी को अपने उच्चतम स्तर 20,873.33 पर था जबकि अक्टूबर में सेंसेक्स इंट्रा-डे कारोबार के दौरान 7800 के स्तर पर आ गया जो कि इस साल इसका सबसे निचला स्तर था।

जहां तक अगले साल बाजार में फिर से जान पड़ने की बात है तो यह सब अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन और आर्थिक माहौल पर ही निर्भर करेगा।

ब्रोकरेज हाउस शेयर खान के एक अधिकारी कहते हैं कि दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था फिर से तेजी पकड़ेगी और माहौल में सुधार होगा।

वैसे तो शेयर बाजार बहुत अनिश्चित है लेकिन उम्मीद यही है कि इस साल की दूसरी छमाही में जब माहौल में सुधार होगा तब बाजार भी फिर से तेजी पकड़ेगा।

First Published : December 30, 2008 | 9:26 PM IST