शिकागो के यूएस फ्यूचर्स एक्सचेंज में शुरू हुआ सेंसेक्स फ्यूचर्स में कारोबार फिलहाल एक महीने बाद भी तेजी नहीं पकड़ पाया है।
यह कारोबार 4 अप्रैल को शुरू हुआ था। बाजार के जानकारों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में छाई मंदी के अलावा यह प्रोडक्ट जिस तरह का है उसके कारण में इसमें कारोबार धीमा रहा है।
पिछले महीने इसकी शुरुआत के बाद इसका रोजाना का औसत कारोबार 84.3 सौदों का रहा है और अब तक इसमें करीब 1686 सौदे हो चुकेहैं। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक ओपन इंटरेस्ट, जो यह बताता है कि कितने सौदे अभी निपटाए जाने हैं, लगातार बढ़ता जा रहा है।
जानकारों का कहना है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार खुलते हैं तक भारतीय बाजार बंद हो जाते हैं इस वजह से कारोबारियों का कॉल लेने में यानी सौदे का फैसला लेने में दिक्कत होती है।
इस एक्सचेंज में सेंसेक्स फ्यूचर्स का कारोबार पूरे 23 घंटे चलता है और एक कारोबारी सत्र में ही बाजार एक हजार अंक तक चढ़ उतर जाता है। लिहाजा इस प्रोडक्ट में निवेश के लिए काफी ज्यादा रकम की जरूरत होती है।
के आर चोक्सी सेक्योरिटीज के एमडी देवेन चोक्सी के मुताबिक एशिया में सिंगापुर एक्सचेंज (सिमेक्स) में निफ्टी में कारोबार होता है और चूंकि इस एक्सचेंज का टाइम जोन एक ही है, कारोबारी इस एक्सचेंज में कारोबार करने में सहूलियत महसूस करते हैं। लेकिन यूएस फ्यूचर्स में सुस्त कारोबार की एक और वजह है कि यहां सौदों का निपटान कैश में होता है।
जानकारों के मुताबिक अगर वॉल्यूम बढ़ाना है तो ये सौदे डिलिवरी के आधार पर सेटल करने होंगे। पिछले अक्टूबर से सेबी ने पार्टिसिपेटरी नोट्स पर रोक लगा दी थी जिसके बाद सिंगापुर एक्सचेंज में निफ्टी फ्यूचर्स की वैल्यू (एसएनजी निफ्टी) 1130 करोड़ रुपए से बढ़कर 1580 करोड़ रुपए हो गई है। इसी दौरान एनएसई में निफ्टी फ्यूचर्स का ओपन इंटरेस्ट भी 19,000 करोड़ रुपए से घटकर 18,070 करोड़ रुपए हो गया है।