वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) के अनुपालन बोझ को कम करने के प्रयास में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उन्हें निवेशकों के डीमैट खाते में यूनिट स्थानांतरित करने के लिए और समय देने की अनुमति दी है।
सेबी ने उन मामलों में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को भी स्पष्ट किया है जिनमें निवेशकों ने अभी तक एआईएफ को डीमैट खाते का विवरण प्रदान नहीं किया है।
नए सर्कुलर के अनुसार, 500 करोड़ रुपये के निवेश वाले एआईएफ को मौजूदा निवेशकों को 31 जनवरी तक यूनिट स्थानांतरित करने होंगे। ऐसी योजनाओं के लिए डीमैट खाते में यूनिट ट्रांसफर के लिए शुरू में आखिरी तारीख 31 अक्टूबर थी। लेकिन नई यूनिट को अब डीमैट स्वरूप में ही जारी किया जा सकेगा।
इस बीच, 500 करोड़ रुपये से कम की राशि वाली योजनाओं को मौजूदा यूनिट को डीमैट में रखने के लिए 10 मई तक का समय मिला। ऐसी स्कीम के लिए 30 अप्रैल के बाद जारी यूनिट को डीमैट फॉर्म में रखना होगा।
सेबी ने कहा है, ‘एआईएफ की योजनाओं द्वारा मौजूदा निवेशकों (जिन्होंने अपने डीमैट खाते के विवरण मुहैया नहीं कराए हैं) को पहले से जारी यूनिट को ‘एग्रीगेट एस्क्रो डीमैट अकाउंट’नाम से अलग डीमैट खाते में रखा जाना चाहिए। यह खाता एआईएफ द्वारा ऐसे निवेशकों की ओर से एआईएफ की डीमैट इकाइयां रखने के एकमात्र उद्देश्य के लिए खोला जाएगा।’