शेयर बाजार

Market Outlook: विदेशी निवेशकों की वापसी से लेकर रीपो रेट तक, जानिए अगले हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल

वैश्विक बाजारों का रुख, घरेलू आर्थिक आंकड़े और विदेशी निवेशकों का रवैया 9 दिसंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में घरेलू बाजारों की दिशा तय करेगा।

Published by
जतिन भूटानी   
Last Updated- December 07, 2024 | 4:16 PM IST

Market Outlook This Week: घरेलू शेयर बाजारों ने सकरात्मक शुरुआत के बाद सप्ताह का अंत पॉजिटिव नोट पर किया। हालांकि, सप्ताह के बीच बाजार का उत्साह थोड़ा ठंडा पड़ गया। वहीं, शुक्रवार को बाजार में 5 दिन की बढ़त का सिलसिला टूट गया। बाजार में यह गिरावट आरबीआई के रेपो दर को 6.5% पर स्थिर रखने के बाद आई।

वैश्विक बाजारों का रुख, घरेलू आर्थिक आंकड़े और विदेशी निवेशकों का रवैया 9 दिसंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में घरेलू बाजारों की दिशा तय करेगा। वहीं, रुपये का एक्सचेंज रेट और क्रूड ऑइल की कीमतें जैसे प्रमुख कारक बाजार के रुझान को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

बाजार के लिए चुनौतियां ?

वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक संकट और विशेष रूप से चल रहा रूस-यूक्रेन संघर्ष बाजार के लिए चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। हालांकि, डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में हालिया गिरावट ने भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए अधिक अनुकूल माहौल तैयार किया है।

इसके अलावा आर्थिक मोर्चे पर महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े साथ ही यूएस कोर सीपीआई और बेरोजगारी के आंकड़े भी बाजार के सेंटीमेंट को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें भारत के रिटेल महंगाई और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का डेटा भी शामिल है।

एक्सपर्ट्स की क्या राय ?

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के टेक्नीकल एनालिस्ट प्रवेश गौड़ के अनुसार, टेक्नीकल आउटलुक पर नजर तो डाले तो निफ्टी इंडेक्स 24,850-25,000 पर नए क्षेत्र के साथ सभी प्रमुख चलती औसत से सफलतापूर्वक ऊपर चला गया है। नीचे की ओर इसे 24,050 के स्तर पर मजबूत समर्थन मिल रहा है। जैसे-जैसे निफ्टी इंडेक्स 25,000 के मनोवैज्ञानिक अवरोध के करीब पहुंचता है, अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद है।

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप में डायरेक्टर पुनीत सिंघानियां ने कहा, ”सप्ताह के दौरान घरेलू इक्विटी बेंचमार्क में मजबूत बढ़त देखी गई। बाजारों में लगातार तीसरे सप्ताह बढ़त दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों ने फिर से भारतीय शेयरों में नई पूंजी डाली। इससे बाजार को अतिरिक्त बढ़ावा मिला। आरबीआई के मौद्रिक नीति निर्णय ने भी बाजार धारणा को प्रभावित किया। जबकि आरबीआई ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखा, बैंकिंग प्रणाली में तरलता में सुधार के लिए कैश रिजर्व रेश्यो को कम कर दिया।”

उन्होंने कहा कि मौजूदा रुझान सतर्क रुख के साथ पॉजिटिव संकेत दे रहे है। इसमें गिरावट पर खरीदारी के अवसर और ट्रेडों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए स्पष्ट जोखिम स्तर शामिल हैं।

First Published : December 7, 2024 | 4:10 PM IST