ईरान-इजरायल संघर्ष तेज होने के कारण निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने और धातु एवं तेल-गैस शेयरों में मुनाफावसूली से मंगलवार को शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स 213 अंक जबकि निफ्टी 93 अंक टूटे। विश्लेशकों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और इस सप्ताह के अंत में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर आने वाले फैसले को लेकर भी निवेशकों ने इंतजार की रणनीति अपनानी बेहतर समझी।
बीएसई सेंसेक्स 212.85 अंक यानी 0.26 फीसदी गिरकर 81,583.30 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 369.14 अंक टूटकर 81,427.01 अंक पर आ गया था। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 93.10 अंक यानी 0.37 फीसदी गिरकर 24,853.40 पर टिका।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से सन फार्मा को सर्वाधिक 2.18 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलावा इटर्नल, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनैंस, इंडसइंड बैंक और बजाज फिनसर्व में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स और मारुति सुजूकी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, पश्चिम एशिया में संघर्ष तेज होने से जोखिम बढ़ने के बीच घरेलू सूचकांकों में मध्यम गिरावट रही। अनिश्चितता के माहौल में कच्चे तेल का दाम चढ़ गया, जो भारत के लिहाज से प्रतिकूल स्थिति है। बीएसई स्मालकैप सूचकांक 0.67 फीसदी नुकसान में रहा जबकि मिडकैप सूचकांक में 0.56 फीसदी की गिरावट आई।
क्षेत्रवार सूचकांकों में धातु खंड 1.29 फीसदी के नुकसान में रहा जबकि सेवा खंड में 1.09 फीसदी और तेल व गैस खंड में 0.92 फीसदी की गिरावट रही।
बीएसई पर सूचीबद्ध 2,483 कंपनियां गिरकर बंद हुईं जबकि 1,496 शेयरों में तेजी रही और 139 अन्य अपरिवर्तित रहे।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्केई सूचकांक बढ़त पर रहे जबकि चीन का शांघाई कम्पोजिट और हॉन्गकॉन्ग का हैंग सेंग गिरकर बंद हुए। यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। सोमवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। ईरान-इजराइल संघर्ष तेज होने के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.69 फीसदी बढ़कर 74.47 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।