Stock Market: घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है। बाजार में पिछले कुछ समय से लगातार जारी गिरावट की वजह से निवेशकों को मोटा नुकसान हुआ है। अकेले फरवरी में निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स 26 सितंबर 2024 को रिकॉर्ड ऊंचाई पर चढ़ने के बाद बिकवाली के दौर में बने हुए हैं। पिछले पांच महीनों में निफ्टी 50 इंडेक्स 26,277 के रिकॉर्ड उच्च स्तर से करेक्ट होकर 22,124 अंक पर आ गया है। निफ्टी50 अपने हाई से 4153 अंक या लगभग 16% नीचे चल रहा है।
पिछले सप्ताह शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 73,198 पर बंद हुआ, जो 85,978 के रिकॉर्ड हाई से 12,780 अंक या लगभग 15% नीचे है। इसी तरह, बैंक निफ्टी इंडेक्स शुक्रवार को 48,344 पर बंद हुआ, जो 54,467 के रिकॉर्ड हाई स्तर से 6,123 अंक या 11.25 प्रतिशत कम है।
फरवरी महीने में इंडेक्स के परफॉर्मेंस की बात करें तो सिर्फ इसी महीने में निफ्टी50 इंडेक्स 5.5% नीचे चला गया। वहीं, बीएसई सेंसेक्स 5.3% गिर गया जबकि बैंक निफ्टी (Bank Nifty) में 2.5%, निफ्टी मिडकैप 100 (Nifty Midcap 100) में 11.5% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 (Nifty Small cap 100) में 13.3% की गिरावट आई।
वहीं, सेक्टर के लिहाज से निफ्टी के आईटी सेक्टर (Nifty IT Sector) में फरवरी के दौरान 12.4% की गिरावट आई। इसके अलावा निफ्टी एफएमसीजी (Nifty FMCG) में 9.9%, निफ्टी पीएसई सेक्टर में 13%, निफ्टी एनर्जी में 11.5% और निफ्टी ऑटो सेक्टर (Nfty Auto Sector) में 9.7% की गिरावट दर्ज की गई।
निवेशकों को फरवरी में बहुत मोटा नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप पिछले महीने में 40 लाख करोड़ रुपये घट गया। 31 जनवरी को बाजार बंद होने के बाद बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 424,99,887 करोड़ रुपये था। 28 फरवरी को बाजार बंद होने के बाद यह 384,60,048 करोड़ रुपये रह गया।
हेलोइस कैपिटल (Helios Capital) के फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर समीर अरोड़ा का मानना है कि घरेलू शेयर बाजारों को अभी स्थिर होने में दो से तीन महीने का समय और लग सकता हैं। अरोड़ा ने ‘बीएस मंथन’ में भारतीय शेयर बाजार को लेकर कहा कि इसमें कोई शंका नहीं है कि अभी बाजार निश्चित रूप से एक कठिन दौर से गुजर रहा है। ट्रंप और अन्य कारकों की वजह से मार्केट में अत्यधिक अनिश्चितता का माहौल है।
अरोड़ा ने भारतीय शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट को लेकर कहा कि मार्केट में गिरावट की गति इतनी तेज है कि ये चीजें वास्तव में तेजी से हो सकती हैं। उन्होंने ट्रंप में टैरिफ वॉर को लेकर अपनी राय रखी और कहा कि डोनल्ड ट्रंप बहुत लंबे समय तक टैरिफ का खेल नहीं खेल पाएंगे। यह अनिश्चितता 3-4 महीने के लिए ही है।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया ने घरेलू शेयर बाजार में आउटलुक को लेकर कहा कि निफ्टी 50 पिछले सप्ताह 2.94% गिरकर बंद। इससे साप्ताहिक चार्ट पर एक मजबूत नेगेटिव केंडल बन गई है, जो लगातार बिकवाली के दबाव का संकेत है।”’
उन्होंने कहा, ”इंडेक्स ने महत्वपूर्ण 22,500 सपोर्ट का लेवल तोड़ दिया है, जो अब एक बड़ी बाधा है। 21-दिवसीय और 55-दिवसीय ईएमए के नीचे कारोबार करते हुए निफ्टी का 100 वीक ईएमए 22,041 के करीब है, जो 22,000 के प्रमुख मनोवैज्ञानिक स्तर के बराबर है। इसके नीचे टूटने से इंडेक्स 21,700 तक पहुंच सकता है। हालांकि, 22 हजार पर डेली आरएसआई ओवरसोल्ड स्थितियों की तरफ इशारा करता है। यह संभावित टेक्नीकल उछाल का संकेत देता है।”
सिंघानिया ने कहा कि इसके बावजूद ओवरऑल रुझान कमजोर बना हुआ है। यह “वृद्धि पर बिक्री” के आउटलुक का समर्थन करता है। किसी भी ऊपर की ओर बढ़ने पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है, जिससे शार्ट टर्म में मंदी की आशंका मजबूत हो सकती है।
शेयर बाजार में लगातार बिकवाली से शेयरों का वैल्यूएशन कई साल के निचले स्तर पर आ गया है। कोविड-19 के समय हुई बिकवाली को छोड़ दें तो बंबई स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स का वैल्यूएशन रेश्यो 8 साल के निचले स्तर पर आ गया है। कोविड के समय इंडेक्स में भारी गिरावट आई थी और उसके बाद इसने फर्राटा भरा था।
बेंचमार्क इंडेक्स बीते शुक्रवार को 20.4 गुना के प्राइस टू अर्निंग (पी/ई) मल्टीपल के साथ बंद हुआ, जो मई 2020 के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। उस समय महामारी की आशंका और अर्थव्यवस्था एवं कंपनियों की आय पर इसके नकारात्मक प्रभाव के कारण वैल्यूएशन 19.5 गुना तक गिर गया था। हालांकि मार्च से मई 2020 के दौरान महामारी के कारण हुई बिकवाली के समय को छोड़ दें तो सूचकांक का वर्तमान वैल्यूएशन जुलाई 2016 के बाद सबसे कम है।
अपने मौजूदा स्तर पर इंडेक्स अब अपने 10 वर्ष के मूविंग एवरेज 23.6 गुना पीई से करीब 14 फीसदी कम पर कारोबार कर रहा है। वैल्यूएशन में यह कमी 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सबसे अधिक है। नवंबर 2008 में यह 34 फीसदी तक घट गया था।