चुनाव नतीजे के दिन भारी भरकम गिरावट के झटके से बाजार तेजी से उबर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार (NDA Government) के सत्ता संभालने की कवायद तेज होने के बीच गुरुवार को लगातार दूसरे दिन बाजार में तेजी दर्ज की गई।
बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 692 अंक (0.93 प्रतिशत) चढ़कर 75,074 पर बंद हुआ, वहीं एनएसई निफ्टी भी 201 अंक उछल गया और कारोबार सत्र समाप्त होने पर 22,821 के स्तर पर पहुंच गया।
चुनाव नतीजे के दिन यानी मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अपने दम पर बहुमत नहीं पाता देख बाजार 6 प्रतिशत लुढ़क गया था मगर पिछले दो कारोबारी सत्रों में यह 4.2 प्रतिशत उछल गया है।
बाजार में अनिश्चितता दर्शाने वाला इंडिया वीआईएक्स भी 11 प्रतिशत फिसल कर 16.8 के स्तर पर आ गया। 8 मई के बाद वीआईएक्स सूचकांक का यह निचला स्तर है। पिछले दो कारोबारी स्तरों में इसमें कुल 38 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
बाजार में निवेशकों का उत्साह बढ़ने के बीच निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉल कैप क्रमशः 2.24 प्रतिशत और 3.29 प्रतिशत तक उछल गए। मंगलवार को सरकार नियंत्रित कंपनियों का निफ्टी पीएसई 16 प्रतिशत फिसल गया था मगर अब यह सूचकांक 3.7 प्रतिशत चढ़ गया है।
पीएसई में बीएचईएल (9.1 प्रतिशत), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (7 प्रतिशत) और गेल इंडिया (6.7 प्रतिशत) में सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई। विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार को लग रहा है कि नई सरकार पूंजीगत व्यय लगातार जारी रखेगी और इसी की बदौलत उछाल देखी जा रही है।
ब्रोकरेज कंपनी सीएलएस को लगता है कि नई सरकार अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों में ढांचागत और रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता सूची में रखेगी।
अरिहंत कैपिटल मार्केट्स की संस्थापक अनिता गांधी कहती हैं, ‘गठबंधन सरकार बनने का रास्ता साफ होने से राजनीतिक तस्वीर पहले से अधिक साफ हो गई है। हालांकि, विभागों का बंटवारा और नई सरकार की कार्य सूची पर स्थिति साफ होने का फिलहाल इंतजार रहेगा।‘
विश्लेषकों का कहना है कि नई सरकार निवेश के दम पर अर्थव्यवस्था को गति देना जारी रखेगी मगर उपभोग और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए यह अपनी प्राथमिकताओं में थोड़ा बदलाव कर सकती है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी टिप्पणी में कहा है,‘अगले कुछ दिनों में और वित्त वर्ष 2025 के पूर्ण बजट में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी। विश्लेषकों ने कहा कि निवेशक आने वाले समय में मूल्यांकन और आय वृद्धि को लेकर अधिक सजग रहेंगे।‘
कारोबारियों का कहना है कि आय से जुड़ी अधिक संभावनाओं वाले क्षेत्रों में बदलाव के साथ निवेशकों का नजरिया भी संभवतः बदल जाएगा।