शेयर बाजार

Tata Group Stocks के लिए मुश्किल समय, Trump टैरिफ से Mcap ₹1.5 लाख करोड़ गिरा; निवेशकों के लिए क्या है अगला कदम?

सेक्टोरल गिरावट के कारण टाटा ग्रुप की कंपनियां दबाव में हैं। वैश्विक मंदी, ट्रेड वॉर और स्ट्रक्चरल चुनौतियों का टेक्नोलॉजी, स्टील और ऑटो सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 07, 2025 | 1:27 PM IST

Tata Group Stocks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के टैरिफ झटके से टाटा ग्रुप के स्टॉक्स को बड़ा सदमा लगा है। ग्रुप के शेयरों में सोमवार (7 अप्रैल) को मार्केट खुलते ही बिकवाली का दबाव रहा और ये 19 प्रतिशत तक लुढ़क गए। बाजार में बिकवाली के बीच निवेशकों ने ग्रुप के दिग्गज शेयर टाटा मोटर्स में दबाकर बिकवाली की। जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर अमेरिकी टैरिफ प्रभाव की वजह इस गिरावट का मुख्य कारण बनी।

दलाल स्ट्रीट पर सोमवार को भारी बिकवाली के बीच टाटा समूह के 11 प्रमुख शेयर लाल निशान में थे। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाइटन कंपनी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ट्रेंट, टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा एलेक्सी, इंडियन होटल्स, टाटा केमिकल्स और टीआरएफ में गिरावट से ग्रुप के कुल मार्केट कैप (Mcap) में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी आई है।

टाटा ग्रुप के स्टॉक्स में बिकवाली की वजह?

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के फाउंडर चोक्कालिंगम जी के अनुसार, सेक्टोरल गिरावट के कारण टाटा ग्रुप की कंपनियां दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी, ट्रेड वॉर और स्ट्रक्चरल चुनौतियों का टेक्नोलॉजी, स्टील और ऑटो सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।

टाटा मोटर्स के शेयरों में दिन के दौरान 11.6 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी के साथ दिग्गज ऑटो कंपनी के शेयर 52 वीक के निचले स्तर ₹542.55 प्रति शेयर पर पहुंच गए। टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर ने अमेरिका को अपने शिपमेंट को रोकने का फैसला किया है। इसके चलते कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। दरअसल कंपनी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 25 प्रतिशत टैरिफ की लागत को कम करने के तरीकों पर विचार कर रही है। चोकालिंगम ने कहा कि टाटा मोटर्स को घरेलू प्रतिस्पर्धा और यूरोप में टैरिफ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

ALSO READ | Market Crash History: ट्रंप की टैरिफ ‘दवा’ का बाजार पर साइड इफेक्ट, ग्लोबल मार्केट में हाहाकार; निवेशकों को फिर याद आया 1987 का ‘ब्लैक मंडे’

TCS, टाटा ट्रेंट 52 वीक लो पर

इसके अलावा Q4 बिजनेस अपडेट पोस्ट करने के बाद टाटा ट्रेंट के शेयरों में 19 प्रतिशत की गिरावट आई। ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद आईटी कंपनियों में मंदी की आशंका के कारण बीएसई पर टीसीएस का शेयर 7.2 प्रतिशत गिरकर 3060.25 रुपए प्रति शेयर पर आ गया। यह इसका 52 वीक का लो लेवल है।

टाटा स्टील के शेयरों में 11.5 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो बीएसई पर ₹124.2 प्रतिशत के इंट्राडे निचले स्तर पर पहुंच गया है। टाटा स्टील के शेयर भी ₹122.6 प्रति शेयर के अपने 52 वीक लो लेवल के करीब कारोबार कर रहे है।

टाटा ग्रुप के अन्य शेयरों जैसे टाटा कम्युनिकेशंस (Tata Communications), टाटा एलेक्सी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, इंडियन होटल्स, टाटा केमिकल (Tata Chemical) और टाइटन (Titan) में भी शुरुआती कारोबार के आसपास 2 से 6 प्रतिशत तक की गिरावट आई।

ALSO READ | Share Market Crash: इन 4 वजहों से शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट, चौतरफा बिकवाली से बाजार धराशायी

Tata Group Stocks में आगे क्या करें निवेशक?

वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के इक्विटी रणनीतिकारी क्रांथी बातिनी ने कहा, “पिछले तीन सालों में टाटा ग्रुप के शेयरों में तेजी आई है और इन्होंने भारतीय बाजारों में अन्य ग्रुप स्टॉक्स को पीछे छोड़ दिया है।”

बातिनी ने आगे कहा, “आज हम एक अभूतपूर्व वैश्विक बिकवाली देख रहे हैं। इसमें व्यापार को लेकर कई अनिश्चितताऐं हैं। इसलिए हम देख सकते हैं कि इन समूहों में कुछ मुनाफा वसूली हो रही है।”

उन्होंने लॉन्ग टर्म निवेशकों को सलाह देते हुए कहा, “इस करेक्शन के बीच क्वालिटी वाले टाटा ग्रुप के शेयरों को खरीदना शुरू किया जा सकता है।” उन्होंने टाटा कंज्यूमर, ट्रेंट और इंडिया होटेल्स को इन ‘गहरे’ करेक्शन के दौरान खरीदने की सलाह दी है।

First Published : April 7, 2025 | 1:05 PM IST