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NFO की मंजूरी प्रक्रिया तेज, SEBI के इस कदम से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को मजबूत बनाने में मिली मदद

मौजूदा फंड हाउस ने भी NFO के कुछ आवेदन किए हैं, लेकिन नए फंड हाउस मसलन जीरोधा और हीलियस म्युचुअल फंडों ने भी NFO के लिए आवेदन किए हैं।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- October 19, 2023 | 9:39 PM IST

बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंड के न्यू फंड ऑफर यानी एफएनओ के जरिए रकम जुटाने की खातिर किए गए आवेदन की मंजूरी प्रक्रिया में तेजी ला दी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि आवेदन लंबित होने का मामले पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा घटे हैं। कई मामलों में एनएफओ को एक महीने से भी कम समय में नियामकीय मंजूरी हासिल हो गई।

इस कदम से 48 लाख करोड़ रुपये वाले देसी म्युचुअल फंड उद्योग को अपनी योजनाओं की पेशकश की समयसारणी बेहतर बनाने में मदद मिली है।

उदाहरण के लिए इस साल एक फंड हाउस ने नियामक के पास स्मॉलकैप ओरिएंटेड फंड की पेशकश की खातिर एनएफओ के लिए आवेदन किया। सात दिन के भीतर परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) को आगे बढ़ने की सेबी की मंजूरी मिल गई और दस्तावेज जमा कराए जाने के 45 दिन के भीतर एनएफओ सबस्क्रिप्शन के लिए खुल गया।

पहले सेबी एनएफओ की मंजूरी देने के लिए एक से दो महीने का समय लेता था। सितंबर 2022 में सेबी के पास मंजूरी के लिए छह महीन से ज्यादा लंबित म्युचुअल फंड योजनाओं की संख्या 69 थी और तीन से छह महीने तक लंबित योजनाओं की संख्या 33 थी। इसके अलावा एक महीने से तीन महीने तक मंजूरी के लिए लंबित एनएफओ की संख्या 45 थी। सेबी से यह जानकारी मिली। हालांकि अभी मंजूरी के लिए तीन महीने से ज्यादा लंबित एएनएफओ शायद ही हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एसोसिएशन ऑफ म्युचअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के मुख्य कार्याधिकारी एनएस वेंकटेश ने कहा, कारोबारी सुगमता की अपनी पहल के तहत सेबी ने वास्तव में मंजूरी प्रक्रिया आसान कर दी है। एनएफओ की ऊंची संख्या में योगदान करने वाला अन्य कारक यह है कि नई एएमसी कंपनियों ने फंडों का पहला सेट पेश करना शुरू कर दिया है, जो फंडों के श्रेणीकरण के चलते आसान हो गई है।

मौजूदा फंड हाउस ने भी एनएफओ के कुछ आवेदन किए हैं, लेकिन नए फंड हाउस मसलन जीरोधा और हीलियस म्युचुअल फंडों ने भी एनएफओ के लिए आवेदन किए हैं। सेबी की वेबसाइट के मुताबिक, हेलियस एमएफ के पहले फंड (फ्लेक्सीकैप) का मसौदा दस्तावेज 29 अगस्त को जमा कराया गया था और फंड दो महीने के भीतर 23 अक्टूबर को सबस्क्रिप्शन के लिए खुलने वाला है।

बजाज फिनसर्व एएमसी ने भी अगस्त में बैंकिंग ऐंड पीएसयू फंड के लिए आवेदन किया था, जो इस महीने खुलने वाला है।

वेंकटेश ने कहा, मौजूदा एएमसी थिमेटिक व सेक्टोरल कैटिगरी में भी एनएफओ पेश कर रही हैं, जहां एक श्रेणी के तहत कई फंड पेश किए जा सकते हैं। ऐसे में हम तेजी से मंजूरी देख रहे हैं और ज्यादा एनएफओ आ रहे हैं।

एम्फी की वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2023 की तिमाही में 47 एनएफओ पेश हुए जबकि जून 2023 की तिमाही में 24 को म‍ंजूरी मिली थी। इन आंकड़ों में वही एनएफओ शामिल हैं, जो पेश किए जा चुके हैं और शुरुआती सबस्क्रिप्शन की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं।

उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, कई नई इकाइयों ने एएमसी का गठन किया है। एनएफओ के लिए तेजी से मंजूरी उनके लिए अच्छी खबर है। उनकी तरफ से कई एनएफओ प्रॉडक्ट गैप को पाटने के लिए आएंगे। इससे उन्हें एक तरह से नवोन्मेष में मदद मिलेगी और कुल मिलाकर उद्योग का विकास भी होगा।

हालांकि कुछ एएमसी ने कहा है कि उन्होंने बहुत ज्यादा बदलाव नहीं देखा है क्योंकि जुलाई के उनके आवेदन अभी भी लंबित हैं। दूसरी ओर, कुछ अन्य इकाइयां एएमसी के लिए मंजूरी के लिए कतार में हैं जिनमें ब्रोकिंग फर्म ऐंजल वन व जियो फाइनैंशियल शामिल हैं, जिसने ब्लैकरॉक से साझेदारी की घोषणा की है।

सेबी के मुताबिक, मार्च तिमाही में उसने एमएफ लाइसेंस के दो आवेदन को मंजूरी दी, जिसमें महज 1 से 3 महीने लगे, वहीं अन्य दो को उसी तिमाही में दी गई मंजूरी में 3 से 6 महीने का समय लगा।

First Published : October 19, 2023 | 9:39 PM IST