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YES Bank stocks: Moody’s ने बढ़ाई रेटिंग तो 8 फीसदी तक उछल गए यस बैंक के शेयर, क्या है अपग्रेड के पीछे की वजह

Yes Bank story- Moody's ने 10 जुलाई को कहा कि उसने यस बैंक की Ba3 रेटिंग दी और रेटिंग आउटलुक को स्टेबल से पॉजिटिव में बदल दिया।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- July 11, 2024 | 11:51 AM IST

Yes Bank Share Price: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने भारत के प्राइवेट बैंक- यस बैंक (Yes Bank) के आउटलुक को “स्थिर” से “सकारात्मक” (“stable” to “positive”) में बदल दिया है। मूडीज के इस अपग्रेडेशन के बाद बुधवार को इंट्रा डे ट्रेड के दौरान BSE में यस बैंक के शेयरों में भारी वॉल्यूम के साथ 8.5 फीसदी की तेजी आई और यह 26.95 रुपये पर पहुंच गया।

यह अपग्रेड बैंक के डिपॉजिटर बेस और लेंडिंग फ्रेंचाइजी में तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) सुधार की उम्मीदों की वजह से है। रेटिंग अपग्रेड बैंक को अगले 12-18 महीनों में इसकी कोर प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा।

सुबह 11:30 बजे; यस बैंक 4.85% बढ़कर 26.18 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, जबकि BSE सेंसेक्स में 0.35% की गिरावट आई थी। NSE और BSE पर कुल मिलाकर 257 मिलियन शेयरों से ज्यादा का कारोबार हुआ।

Moody’s ने क्यों Yes Bank की रेटिंग क्यों बढ़ाई, क्या है अपग्रेड के पीछे की वजह

मूडीज रेटिंग्स (Moody’s) ने मंगलवार, 10 जुलाई को कहा कि उसने यस बैंक की Ba3 रेटिंग दी और रेटिंग आउटलुक को स्टेबल से पॉजिटिव में बदल दिया।

Moody’s ने कहा, ‘रेटिंग आउटलुक में इस बदलाव के पीछे की वजह यह है कि हमें उम्मीद है कि यस बैंक के जमाकर्ता आधार (depositor base) और ऋण फ्रैंचाइजी (lending franchise) में क्रमिक सुधार से अगले 12-18 महीनों में इसकी कोर लाभप्रदता में सुधार होगा। पॉजिटिव आउटलुक बैंक की एसेट क्वालिटी और कैपिटलाइजेशन में पिछले 2-3 सालों में हुए सुधार को ध्यान में रखता है, हालांकि हाई फंडिंग कॉस्ट और प्राइमरी सेक्टर लेंडिंग (PSL) टारगेट को पूरा करने के दबाव से बैंक की कोर प्रॉफिटेबिलिटी कमजोर बनी हुई है।

Moody’s को Yes Bank की कोर प्रॉफिटेबिलिटी में इजाफे की उम्मीद

Moody’s को उम्मीद है कि यस बैंक की कोर प्रॉफिटेबिलिटी अगले 12-18 महीनों में 0.8% (वित्तीय वर्ष मार्च 2024 में समाप्त) से बढ़कर 1.2 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। बता दें कि कोर प्रॉफिटेबिलिटी कुल एसेट पर टैक्स से पहले मुनाफे से मापी जाती है।

यस बैंक की RBI के PSL नियमों को शाखाओं से नए कर्ज के माध्यम से पूरा करने की क्षमता में सुधार, लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऑपरेटिंग खर्च को कम करने में मदद करेगा, जिससे इसकी ओवरऑल प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार होगा। इसके अलावा, यस बैंक का हाई रिस्क वाले रिटेल और SME सेगमेंट पर कर्ज देने का ध्यान इसकी नेट इंट्रेस्ट मार्जिन को बढ़ाने में मदद करेगा।

First Published : July 11, 2024 | 11:51 AM IST