शुक्रवार का दिन शेयर बाजार के लिए अच्छा नहीं रहा।
वैश्विक बाजार से आए नकारात्मक संकेतों से सेंसेक्स 400 से अधिक अंक नीचे गया, लेकिन इस फिसलन का सरकारी तेल कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ा और इनके शेयरों ने जोरदार काराबोर किया।
इससे उम्मीद की जा रही है कि इन कंपनियों को अपने पेट्रो प्रॉडक्टों को लागत मूल्य से कम पर बेचे जाने पर हो रहे नुकसान की भरपाई हो सकेगी। कच्चे तल की कीमतें पिछले कुछ समय से लगातार नीचे जा रहीं हैं।
शुक्रवार को इनकी कीमतों में एक फीसदी की गिरावट देखी गई। यह गिरावट मेरिकी डॉलर के मजबूत होने और दुनिया में तेल के सबसे बड़े आयातक चीन की ओर से आगे और आयात न करने के संकेतों के बाद आई। इससे सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन(आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन (एचपीसीएल) के शेयर सेंसेक्स के 415 अंक गिरने के बाद भी चढ़े।
हालांकि यह तेल निर्माता कंपनियों के लिए अच्छी बात नहीं है। उनके लिए तेल की कीमतों में हुई गिरावट का अर्थ है उनके लाभ में होने वाली वृध्दि की गति का मंद हो जाना। मुंबई की खंडवाला प्रतिभूति के विश्लेषक विनय नायर ने बताया कि तेल की कीमतों में खासी गिरावट आई है। इस फायदा तेल विपणन कंपनियों(ओएमसी) को हो रहा है।
इस ब्रोकरेज हाउस ने इस वित्तीय वर्ष में तेल की कीमतों के 105 डॉलर प्रति बैरल से 110 डॉलर प्रति बैरल तक रहने की संभावना जताई है। अगले तीन से चार सालों के लिए उसका आकलन 75-80 डॉलर प्रति बैरल का है। तेल की कीमतों में गिरावट आने से पेट्रोल डीजल के उत्पादन की लागत कम हो जाती है। इसलिए रिफाइनरियों पर तेल की खुदरा बिक्री जवाबदारी भी होती है।
रिफाइनरी कंपनियां कंपनियां पेट्रोल, डीजल, कैरोसीन और एलपीजी को उत्पादन लागत से कम में बेचती हैं। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर प्रति लीटर 6 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 13 रुपये का नुकसान हो रहा है। गुरुवार तक भारतीय रिफाइनरी कंपनियां 104.11 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तेल खरीद रहीं थी। यह बुधवार के 103.77 डॉलर प्रति बैरल के भाव से थोड़ा अधिक था।
इस माह के लिए उन्हें औसतन 105.24 डॉलर का भाव देना होगा। यह अगस्त की औसत कीमत 113.05 डॉलर प्रति बैरल से कम है। देश की दूसरी सबसे बड़ी ओएमसी बीपीसीएल का शेयर आज बंबई शेयर बाजार में 8.67 फीसदी चढ़ा। पिछले एक सप्ताह में यह 18 फीसदी चढ़ चुका है। इसकी वजह न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में हल्के स्वीट कच्चे तेल की कीमतों में मांग कम होने की चिंता के कारण आई 8 फीसदी की गिरावट है।
इसी तरह एचपीसीएल का शेयर शुक्रवार को 4.52 फीसदी चढ़ा। पिछले एक सप्ताह में यह 17.75 फीसदी चढ़ चुका है। इसी तरह आईओसी का शेयर 2.30 फीसदी चढ़ा और पिछले एक सप्ताह में यह 11.25 फीसदी ऊपर जा चुका है।
ज्ञातव्य है कि इस समय तेल की कीमतें पिछले कुछ महीनों के 147 डॉलर प्रति बैरल के सर्वोच्च स्तर से 27 फीसदी नीचे आ चुका है। इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज और कैर्न इंडिया और एस्सार आइल की कीमतें शुक्रवार को 7 फीसदी गिरीं।