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…ताकि विदेशी बाजार से मिला सकें कदमताल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 2:59 PM IST

अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में मुद्रा वायदा (करेंसी फ्यूचर) का कारोबार जिंस वायदा की तरह देर रात तक हो सकेगा।


मुद्रा वायदा कारोबार के भागीदारों की मांग को देखते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इसकी अनुमति दे सकता है। सूत्रों ने कहा कि सेबी इस बाबत दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है। फिलहाल मुद्रा वायदा कारोबार सुबह 9 से शाम 5 बजे तक होता है।

कारोबार से जुड़े भागीदारों की मांग है कि इसका समय सुबह 8 से रात 11.30 बजे तक कर दिया जाए, ताकि विदेशी बाजार से ताल-मेल बिठाकर हेजिंग को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक, बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन, दिल्ली ज्वेलर्स ऐंड वेलफेयर एसोसिएशन, मेटल से जुड़ी संस्था टेमा, बॉम्बे मेटल एसोसिएशन और क्लॉदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) के साथ-साथ प्रमुख बैंकों, ब्रोकरों और क्लीयरिंग हाउस ने एक्सचेंज से कारोबार का समय बढ़ाने का निवेदन किया है।

विदेशी बाजार में करेंसी फ्यूचर का कारोबार सुबह 8 बजे शुरू हो जाता है, जब सिंगापुर का एक्सचेंज खुलता है। दिन में लंदन का करेंसी बाजार गुलजार हो जाता है और सबसे आखिर में शाम सात बजे न्यू यॉर्क का करेंसी बाजार खुलता है।

भारत के कारोबारी सुबह 8 बजे 9 बजे तक और शाम 5 बजे से 7 बजे तक विदेशी बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा नहीं उठा पाते, क्योंकि इस दौरान या तो भारत में एक्सचेंज खुले नहीं होते या फिर बंद हो जाते हैं।

सूत्र बताते हैं कि बाजार खुलने से पहले और बाजार बंद होने के बाद करीब करेंसी फ्यूचर के मद में दो अरब डॉलर का कारोबार होता है और अंतत: इसका फायदा सटोरिये उठा ले जाते हैं।

असली कारोबारी विदेशी बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा नहीं उठा पाते। गौरतलब है कि करेंसी फ्यूचर के मद में पूरी दुनिया में रोजाना करीब 38 अरब अमेरिकी डॉलर का कारोबार होता है।

बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया कहते हैं कि यहां करेंसी फ्यूचर कारोबार का जो समय है, उस दौरान बैंक में भी हम ये काम कर सकते हैं। लंदन और न्यू यॉर्क के बाजार से मिलने वाले संकेत का फायदा तभी उठा सकते हैं, जब हमारे कारोबार के समय की तारतम्यता भी इन एक्सचेंजों से हो।

फिलहाल देश में तीन एक्सचेंजों में करेंसी फ्यूचर का कारोबार होता है- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज का स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। इससे पहले एनएसई ने सिंगापुर की तर्ज पर निफ्टी की ट्रेडिंग 8 बजे शुरू करने का प्रस्ताव सेबी का पास रख चुका है।

एक कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कारोबार का भविष्य सिंगापुर के बाजार पर निर्भर करता है, तो फिर घरेलू कारोबारी नुकसान उठाते हैं। वैसे भी विदेशी बाजार में जिंस के भाव और अंतरराष्ट्रीय करेंसी के भाव के बीच लिंक है।

यह लिंक वैसे कमोडिटी मसलन सोना, तांबा, जिंक, खाद्य तेल और कच्चा तेल के मामले में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि भारत इसका बड़ा आयातक व उपभोक्ता है। इससे जुड़े कारोबारी विदेशी बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए इसमें हेजिंग भी करते हैं।

विदेशी बाजारों में आए उतार-चढ़ाव का फ ायदा उठाने की कवायद

मुद्रा वायदा कारोबार को सुबह 8 से रात 11.30 बजे तक करने की मांग

फिलहाल 9 से शाम 5 बजे तक होता है कारोबार

विदेशी बाजारों में कारोबार के समय बंद हो जाता है भारतीय बाजार

विदेशी बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का कारोबारी नहीं उठा पाते हैं फायदा

First Published : December 29, 2008 | 12:20 AM IST