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सेबी के नियमों से बचने के लिए कुछ एफपीआई ने एसएटी का रुख किया

एफपीआई ने एसएटी से अनुरोध किया है कि वह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को इन नियमों का पालन करने के लिए और समय देने का निर्देश दे।

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भाषा   
Last Updated- September 09, 2024 | 1:49 PM IST

बाजार नियामक सेबी के समक्ष अंतिम लाभकारी स्वामित्व (बीओ) का खुलासा करने संबंधी नियमों का पालन करने से बचने के लिए कुछ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने (FPI) कानूनी विकल्प चुना है। मानदंडों का पालन करने की समयसीमा सोमवार को समाप्त हो रही है।

मॉरीशस स्थित दो एफपीआई एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड और लोटस ग्लोबल इन्वेस्टमेंट ने विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के नए मानदंडों का पालन करने से तत्काल राहत पाने के लिए कथित तौर पर प्रतिभूति अपीलीय अधिकरण (एसएटी) का रुख किया है।

अमेरिकी निवेश एवं शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की अदाणी समूह (Adani Group) पर जनवरी 2023 में जारी रिपोर्ट में इन दो एफपीआई का जिक्र था। इन दो एफपीआई ने एसएटी से अनुरोध किया है कि वह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को इन नियमों का पालन करने के लिए और समय देने का निर्देश दे।

सेबी ने विस्तृत स्वामित्व प्रकटीकरण उपलब्ध कराने में विफल रहने वाले एफपीआई के लिए अपनी अतिरिक्त ‘होल्डिंग्स’ को बेचने तथा उल्लंघनों को सुधारने के लिए नौ सितंबर तक का समय दिया है।

‘जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज’ के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, ‘‘ भले ही सेबी की समयसीमा सोमवार नौ सितंबर को समाप्त हो रही है, लेकिन पता चला है कि दो एफपीआई ने इन मानदंडों को पूरा करने के लिए मार्च 2025 तक का समय मांगते हुए अपीलीय न्यायाधिकरण एसएटी का रुख किया है। इस पर एसएटी के फैसले का इंतजार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर फैसला उनके पक्ष में आता है, तो इसका बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अन्यथा इन एफपीआई की ओर से कुछ बिकवाली का दबाव हो सकता है, जिसका बाजार पर मामूली असर हो सकता है। सेबी द्वारा इन मानदंडों को लागू करना एक स्वस्थ तथा वांछनीय प्रवृत्ति है, जो एफपीआई निवेश को पूरी तरह से पारदर्शी बनाएगी।’’

सेबी ने अगस्त 2023 में एक परिपत्र जारी किया था। इसमें उसने उन एफपीआई को निर्देश दिया गया था जिनकी 50 प्रतिशत से अधिक प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (AUM) किसी एक कॉर्पोरेट समूह में हैं या जिनकी भारतीय इक्विटी बाजारों में कुल हिस्सेदारी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इन सभी संस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी का खुलासा करने को कहा गया था जिनके एफपीआई में कोई स्वामित्व, आर्थिक हित या नियंत्रण हैं।

First Published : September 9, 2024 | 1:49 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)