बुधवार को बेंचमार्क सूचकांकों ने अपनी सात दिन की बढ़त का सिलसिला खत्म कर दिया, जिसकी वजह मुनाफावसूली और अगले सप्ताह होने वाली अमेरिकी टैरिफ घोषणाओं को लेकर अनिश्चितता थी। निफ्टी-50 में 0.77 फीसदी यानी 182 अंकों की गिरावट आई और यह 23,487 पर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 729 अंक यानी 0.93 फीसदी की गिरावट के साथ 77,288 पर टिका। गिरावट के बाद दोनों सूचकांकों के लिए सालाना आधार पर रिटर्न ऋणात्मक क्षेत्र में चला गया।
व्यापक बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही, जिसमें निफ्टी मिडकैप-100 और निफ्टी स्मॉलकैप-100 सूचकांक क्रमशः 0.6 फीसदी और 1.1 फीसदी नीचे आए। यह गिरावट छह दिनों की तेजी के बाद आई है, जिसके दौरान दोनों सूचकांकों में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि हुई थी। पिछले सात सत्रों में सेंसेक्स और निफ्टी में 5.7 फीसदी का इजाफा हुआ था, जिसे नए सिरे से विदेशी निवेश और मूल्यांकन के लिहाज से खरीद से सहारा मिला था।
इस उम्मीद से भी निवेशकों का उत्साह बढ़ा था कि आने वाला अमेरिकी प्रशासन टैरिफ पर नरम रुख अपना सकता है, जिससे कुछ देशों और क्षेत्रों को छूट मिल सकती है। हालांकि बुधवार की गिरावट ने मनोदशा में बदलाव को दर्शाया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में एनटीपीसी और ज़ोमैटो में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई और दोनों 3 फीसदी से ज्यादा टूटे। ज़ोमैटो और स्विगी के शेयरों पर तब दबाव देखने को मिला जब बोफा ने उनके शेयरों की रेटिंग घटा दी, जिसमें उनके क्विक कॉमर्स वेंचर्स में बढ़ते घाटे का हवाला दिया गया। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और बीएसई पर 919 शेयर चढ़े जबकि 3,115 में गिरावट आई।
मेहता इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, हाल ही में आई तेजी के बाद बाजार बिकवाली के दबाव में आ गया क्योंकि निवेशकों ने अगले महीने से ट्रंप प्रशासन द्वारा आयात शुल्क लगाए जाने की आशंका से पहले अपने निवेश में कटौती की। निवेशक सुरक्षित तरी के से निवेश करना चाहेंगे और अपने इक्विटी निवेश कमी करना पसंद करेंगे। क्योंकि जवाबी शुल्क व्यवस्था की शुरुआत को लेकर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, अगले सप्ताह होने वाली अमेरिकी टैरिफ घोषणाओं से पहले हाल ही में हुई बढ़त के बाद बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिली। उन्होंने कहा, अमेरिकी बाजार में फार्मा और आईटी जैसे अधिक निवेश वाले क्षेत्रों में कुछ बिकवाली दबाव देखने को मिली है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों और अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में कमी की आशंका के कारण तेल की कीमतों में थोड़ी तेजी आई है।
निफ्टी ऑटो को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान के साथ बंद हुए। निफ्टी आईटी में करीब 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी बैंक में 0.8 फीसदी की नरमी देखने को मिली। निफ्टी मीडिया, निफ्टी पीएसयू बैंक, निफ्टी रियल्टी, निफ्टी हेल्थकेयर और निफ्टी ऑयल ऐंड गैस में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी-50 हालांकि अपने हाल के उच्चतम स्तर से 400 अंक से अधिक नीचे है, लेकिन यह प्रमुख मूविंग एवरेज से ऊपर बना हुआ है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, तात्कालिक समर्थन 23,400 के आसपास है, जो 100 और 200 दिवसीय एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज के साथ मेल खाता है।