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Closing Bell: हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को शेयर बाजार में सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी सीजनली मजबूत माने जाने वाले महीने में प्रवेश करते हुए कभी बढ़त तो कभी गिरावट में रहे। दिन के आखिर में भारतीय शेयर बाजार हल्की बढ़त के साथ लगभग सपाट स्तर पर बंद हुए। घरेलू स्तर पर कोई नया ट्रिगर न होने से निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। निवेशक अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं पर करीबी नजर रखे हुए हैं, क्योंकि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की 9 जुलाई की टैरिफ डेडलाइन करीब आ रही है।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 79 अंक की बढ़त लेकर 83,685.66 पर खुला। दिन के कारोबार के दौरान यह इंडेक्स 83,874.29 के हाई और 83,572.51 के लो के रेंज में रहा। अंत में सेंसेक्स 90.83 अंक यानी 0.11% की बढ़त लेकर 83,697.29 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह, 50 शेयरों वाल एनएसई निफ्टी-50 (Nifty-50) 25,551.35 पर खुला। दिन के कारोबार के दौरान निफ्टी-50 25,593.40 के हाई और 25,501.80 के लो के रेंज में रहा। अंत में निफ्टी-50 24.75 अंक यानी 0.10% की मामूली बढ़त लेकर 25,541.80 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में BEL, रिलायंस, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और कोटक बैंक टॉप-5 गेनर्स रहें। इनमें 0.93% से 2.51% की तेजी रही। इसके अलावा, HDFC बैंक, इंफोसिस, टाइटन, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, HUL, SBI बजाज फाइनेंस और L&T के शेयरों में तेजी रही। वहीं, एक्सिस बैंक, ट्रेंट, ईटरनल, टेक महिंद्रा और ICICI बैंक सेंसेक्स के टॉप-5 लूजर्स रहें। इनमें 0.95% से 2.13 की गिरावट रही।
ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो निफ्टी मिडकैप100 लगभग सपाट बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप100 में 0.10% की हल्की गिरावट दर्ज की गई।
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी पीएसयू बैंक, मेटल, ऑयल एंड गैस, कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर और फार्मा इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। वहीं, निफ्टी ऑटो, आईटी, एनर्जी, एफएमसीजी, मीडिया और रियल्टी सेक्टर में कमजोरी देखने को मिली।
मई में भारत की औद्योगिक वृद्धि (IIP) सिर्फ 1.2% रही, जो बीते 9 महीनों में सबसे कमजोर आंकड़ा है। अप्रैल में यह रिवाइज़्ड 2.6% थी। मॉनसून जल्दी आ जाने की वजह से बिजली उत्पादन में 5.8% की गिरावट आई, जो जून 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। माइनिंग प्रोडक्शन लगातार दूसरे महीने 0.1% गिरा है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग में 2.6% की ग्रोथ रही, लेकिन सिर्फ 23 में से 13 सेक्टर ही पॉजिटिव रहे, जबकि अप्रैल में 16 सेक्टर में ग्रोथ दिखी थी। पिछले साल मई में 6.3% की हाई ग्रोथ के चलते इस बार बेस इफेक्ट भी पड़ा।
एशिया-पैसिफिक बाजारों में मंगलवार को मिलाजुला रुख देखने को मिला। एक तरफ वॉल स्ट्रीट (Wall Street) में रिकॉर्ड हाई का असर दिखा, वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ रुख को लेकर चिंता भी बनी रही। ट्रंप द्वारा 90 दिन की छूट दी गई थी, जो अगले हफ्ते खत्म हो रही है।
अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि कुछ देश बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर टॉक्स फेल हुए तो टैरिफ दोबारा लग सकते हैं।
जापान का निक्केई 0.87% गिरा, जबकि पिछले सेशन में 11 महीने का हाई छू चुका था।
टॉपिक्स इंडेक्स भी 0.52% नीचे रहा।
साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.83% चढ़ा।
ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स 0.15% ऊपर रहा।
हांगकांग के मार्केट में छुट्टी की वजह से ट्रेडिंग बंद रही।
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वॉल स्ट्रीट पर एक और मजबूत सेशन देखने को मिला।
S&P 500 इंडेक्स 0.52% बढ़कर 6,204.95 पर बंद हुआ।
Nasdaq 0.47% चढ़कर 20,369.73 पर पहुंचा।
Dow Jones में 275.50 पॉइंट की बढ़त रही और यह 44,094.77 पर बंद हुआ।
इस रैली को कनाडा की ओर से डिजिटल सर्विस टैक्स हटाने के फैसले से भी सपोर्ट मिला। यह टैक्स गूगल, मेटा और अमेजन जैसी कंपनियों पर लगने वाला था, लेकिन ट्रंप द्वारा अचानक ट्रेड टॉक्स बंद किए जाने के बाद कनाडा ने यह टैक्स वापस ले लिया जिससे अमेरिका-कनाडा के बीच तनाव कम हुआ।