शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान एकमुश्त राशि निवेश करने वाले लोगों को विशेषज्ञों की सलाह है कि वे सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान के जरिये निवेश करें।
एसटीपी के माध्यम से निवेश करने से बाजार जोखिम कम हो जाता है और लाभ भी दोहरा मिलता है।
क्या है एसटीपी?
प्राइम कैपिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक धीरज मित्तल कहते हैं, ‘निवेशकों के पास जब निवेश के लिए पर्याप्त पैसे हों और बाजार के संदर्भ में अनुमान लगाना भी मुश्किल हो तो एक सही तरीका यह है कि सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) को अपनाया जाए।
एक तरह से देखा जाए तो यह सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (सिप) जैसा ही है। सिप में थोड़े-थोड़े पैसों का निवेश किया जाता है जो कालांतर में एक कोष बनाते हैं। एसटीपी में एक निश्चित राशि का निवेश तरल या ऋण फंडों में किया जाता है जिसका एक छोटा हिस्सा समय-समय पर निकाल कर किसी अन्य फंड में निवेशित किया जाता है।’
सर्टिफायड फाइनैंशियल प्लानर मिलिन्द राय कहते हैं, ‘इस नीति को अपनाने के लिए निवेशक को चाहिए कि वह अपना एकमुश्त पैसा तरल योजनाओं में लगाएं। तरल योजनाएं मूलत: ऋण फंड होती हैं जो धन-कोष को उतार-चढ़ाव से बचाती हैं। बाजार जोखिमों से सुरक्षा के खयाल से इसके तहत प्राय: इक्विटी में निवेश नहीं किया जाता है। कोई निवेशक एकमुश्त पैसों के निवेश के लिए बॉण्ड फंडों का चयन भी कर सकता है। ‘
कैसे काम करता है एसटीपी?
आइए, इसे जरा और विस्तार से समझते हैं। मान लेते हैं कि आपको पांच लाख रुपये का निवेश करना है और आप बचत खाते से ज्यादा प्रतिफल पाने की आशा भी रखते हैं और इक्विटी में निवेश का दोहरा लाभ भी उठाना चाहते हैं तो एसटीपी एक उम्दा विकल्प है।
म्युचुअल फंड की ऋण या तरल योजनाएं प्राय: बचत खाते से अधिक प्रतिफल की पेशकश करती हैं। ऋण या तरल योजनाओं में एकमुश्त राशि का निवेश कर आप म्युचुअल फंड कंपनी को यह निर्देश देते हैं कि प्रत्येक महीने एक निश्चित राशि किसी एक या एक से अधिक (विशाखण के लिए) इक्विटी फंड में ट्रांसफर कर दिया जाए।
वास्तव में एसटीपी के माध्यम से इक्विटी फंड या फंडों में आप सिप के जरिये निवेश कर रहे हैं। अगर समय सीमा तीन वर्षों की मान कर चलें तो ऋण फंड में निवेशित एकमुश्त राशि भी बढ़ती जाएगी और इक्विटी फंड में सिप के माध्यम से किए गए निवेश का लाभ तो मिलेगा ही। इन्वेस्ट शॉपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आाशीष कपूर कहते हैं, ‘इस प्रकार बाजार के प्रतिकूल समय में निवेश करने के जोखिम में कमी आती है।
निवेशक चाहे तो अपने निवेश को पुनर्विभाजित कर सकता है और फंड ऑफ फंड्स में निवेश कर विशाखण का लाभ भी उठा सकता है।’ फंड ऑफ फंड्स म्युचुअल फंड के वैसे उत्पाद है जो दूसरे म्युचुअल फंडों की विभिन्न योजनाओं में निवेश करते हैं।
कपूर ने बताया, ‘बाजार में गिरावट आने के दिनों में निवेशक एसटीपी को रोक कर अपने शेष पैसे तरल फंड में छोड़ सकता है या अपने पसंद के फंड में ट्रांसफर कर सकता है। इस प्रकार वह निवेश से जुड़े जोखिम को एक हद तक कम कर सकता है।’
मित्तल ने बताया कि एसटीपी एक ही म्युचुअल फंड कंपनी की योजनाओं के लिए है। आप रिलायंस म्युचुअल फंड के ऋण फंड में निवेश कर डीएसपी मेरिल लिंच के इक्विटी फंड में एसटीपी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि एसटीपी के तहत एक और विकल्प भी है जिसके तहत कोष का एक छोटा हिस्सा नियमित तौर पर इक्विटी ओरियेंटेड फंड से ऋण फंडों में भी ट्रांसफर किया जा सकता है।