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कंपनियों के औसत पी-ई अनुपात में आ रही गिरावट

Last Updated- December 08, 2022 | 6:44 AM IST

अभी हाल में ही सूचीबध्द भारतीय कंपनियों के प्राइस-टू-अर्निंग अनुपात में गिरावट दर्ज की गई है।


इस साल जनवरी में सेंसेक्स के अपने रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने बाद अभी तक इन कंपनियों के प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है जबकि यह इस साल जनवरी में यह 33.49 फीसदी के स्तर पर था। फिलहाल औसत पी-ई का स्तर 9.6 फीसदी है।

कुछ बड़ी कंपनियों जैसे टाटा, ए वी बिड़ला, ओ पी जिंदल, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, के के बिड़ला और बजाज के पी-ई अनुपात में इस साल 8 जनवरी 2008 केमुकाबले दो तिहाई की कमी आई है।

नई पीढ़ी के उद्योगपति जैसे अनिल अग्रवाल, हिंदुजा, वीडियोकॉन और एमटेक भी गिरावट में पीछे नहीं है।

50 प्रमुख कारोबारी समूह जिनकी बीएसई में सूचीबध्द शेयरों के बाजार पूंजीकरण में करीब 27 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है, के बाजार मूल्य में 69 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

इन कारोबारी समूह का इस साल 8 जनवरी को बाजार मूल्य 24.82 लाख करोड़ था, जो घटकर 7.58 लाख करोड रुपये के स्तर पर आ गया।

जहां तक इन कारोबारी समूह के औसत पी-ई की बात है तो इसमें गिरावट दर्ज की गई है और यह 33.9 फीसदी के स्तर से घटकर 9.81 फीसदी के स्तर तक पहुंच गया।

इन कंपनियों में से 29 कंपनियों का 10 गुणा से कम के पी-ई स्तर पर कारोबार हो रहा है जबकि इनमें से 11 का कारोबार 5 गुणा कम पी-ई के स्तर पर हो रहा है।

इस साल की शुरुआत में इनका कारोबार 10 गुणा के स्तर से अधिक पर हो रहा था। फिलहाल बी केबिड़ला समूह, वीडियोकॉन समूह, मुरुगप्पा समूह और रामको समूह केशेयरों का कारोबार 3 से 5 गुणा के पी-ई के स्तर पर हो रहा है।

इसी तरह बंगूर समूह, आर पी गोयंका समूह, बीसी जिंदल समूह, वेल्सपन समूह और हिंदूजा समूह केशेयरों का कारोबार 4 से 6 गुणा तक के पी-ई के स्तर पर हो रहा है। 

गौरतलब है कि पी-ई रेशियो की गणना किसी कंपनी के शयरों की कुल कीमतों को प्रति शेयर मूल्य (ईपीएस) से भाग देकर निकाली जाती है जबकि ईपीएस की गणना कंपनी के कुल मुनाफे को शेयरों की कीमत से भाग देकर निकाली जाती है।

इसी तरह किसी कारोबारी समूह के औसत पी-ई रेशियो की गणना उस कारोबारी समूह की कुल बाजार पूंजीकरण को उसके शुध्द मुनाफे से भाग देकर की जाती है।

विर्निर्माण और निर्माण क्षेत्र में कारोबार करनेवाली कंपनियों समूह के पी-ई रेशियो में वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी और क्रेडिट की कमी केकारण 80 फीसदी तक की गिरावट आई है।

उदाहरण केलिए जीएमआर समूह, इंडियाबुल्स, जयप्रकाश और एस्सार समूह के पी-ई में इस साल जनवरी के आंकड़ों के मुक ाबले कमी दर्ज की गई है।

First Published - December 2, 2008 | 9:40 PM IST

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