शेयर बाजार ने शुक्रवार को निवशकों और कारोबारियों के मनोबल को पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की बढ़ती कमजोरी और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों ने बाजार को काफी नीचे धकेल दिया। रिजर्व बैंक ने तरलता बढ़ाने के लिए सीआरआर एक फीसदी और बढ़ाया, सेबी और वित्तमंत्री ने बयान जारी किए लेकिन बाजार का उत्साह इससे नहीं बढ़ा, यह लगातार पांचवा कारोबारी सत्र था जब बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है।
मेटल, रियालिटी, कैपिटल गुड्स, पावर, बैंकिंग और तेल सेक्टरों का सबसे ज्यादा खून बहा। सुबह के कारोबार में तो लग रहा था कि सेंसेक्स पर सर्किट लग सकता है। सेंसेक्स में लोअर सर्किट 1275 अंक की गिरावट पर और निफ्टी में 390 अंकों पर लगना तय था लेकिन सेंसेक्स 1088.6 अंक (10,239.76)और निफ्टी 314.7 (3198.95)अंक गिरने के बाद सुधर गया।
हालांकि कारोबार खत्म होने पर सेंसेक्स कुल 800.51 अंक यानी 7.07 फीसदी गिरकर 10,527.85 अंकों पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 233.7 अंक की गिरावट लेकर 3279.95 अंकों पर बंद हुआ। इस पूरे हफ्ते को देखें तो ये सेंसेक्स और निफ्टी दोनों के लिए ही अब तक का सबसे खराब हफ्ता रहा है। इस दौरान सेंसेक्स 15.5 फीसदी गिरा जबकि निफ्टी 14 फीसदी कमजोर पड़ गया।
सेक्टरों को देखें तो इस हफ्ते सभी सेक्चर दस फीसदी से ज्यादा गिरे हैं। मेटल और कैपिटल गुड्स तो बीस बीस फीसदी गिरे। सेंसेक्स के गिरने वाले शेयरों में रिलायंस कम्युनिकेशंस 21 फीसदी गिरकर 237 अंकों पर आ गया जबकि आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंफ्रा. 19 फीसदी से ज्यादा फिसलकर क्रमश: 364 और 515 रुपए पर बंद हुए।
इसके अलावा जयप्रकाश एसोसिएट्स 16 फीसदी गिरकर 76 रुपए पर आया जबकि टाटा स्टील 15 फीसदी कमजोर हुआ। इसके अलावा हिंडाल्को 11 फीसदी, एचडीएफसी और डीएलएफ 9-9 फीसदी, बीएचईएल और एल ऐंड टी 8-8 फीसदी की भारी कमजोरी लेकर बंद हुए।
अन्य शेयरों में रिलायंस 7.5 फीसदी फिसला, हिंदुस्तान यूनीलीवर और विप्रो 6.7-6.7 फीसदी गिरे, स्टरलाइट और ग्रासिम 6-6 फीसदी गिरे, भारती, सत्यम, एनटीपीसी और एचडीएफसी बैंक करीब 5.5-5.5 फीसदी कमजोर पड़े। एसीसी और ओएनजीसी भी 5-5 फीसदी कमजोर हुए। चढ़ने वालों में केवल रैनबैक्सी 4.7 फीसदी मजबूत हुआ।