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जोरदार झटका, झेल गया बाजार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 9:01 AM IST

औद्योगिक विकास दर के खराब आंकड़ों और अमेरिकी सीनेट की ओर से ऑटो राहत पैकेज को नामंजूर किए जाने की वजह से एशियाई बाजारों सहित भारतीय बाजार में भी शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट दर्ज की गई।


हालांकि काफी उतार चढ़ाव के बाद कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार ने अच्छी वापसी की और बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 44 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी करीब 1 अंक ऊपर बंद हुआ। बीएसई के छोटे और मझोले सूचकांकों में भी करीब 2 फीसदी की तेजी देखी गई।

अचल संपत्ति सूचकांक करीब 4 फीसदी, तेल-गैस दो फीसदी, बैंकिंग, ऊर्जा एफएमसीजी और धातु सूचकांकों में करीब 1 फीसदी की तेजी देखी गई। हालांकि वाहन, फार्मा और सार्वजनिक क्षेत्र सूचकांकों में मामूली गिरावट दर्ज की गई।

डीएलएफ और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर करीब 7 फीसदी, रिलायंस कम्युनिकेशंस 4 फीसदी और हिंडाल्को के शेयर 3 फीसदी की मजबूती के साथ बंद हुए। नुकसान में रहने वाले शेयरों में टीसीएस, विप्रो, टाटा मोटर्स, ओएनजीसी, भारती एयरटेल और इन्फोसिस प्रमुख रहे।

एशियाई बाजार धराशायी : वैश्विक बाजारों की बात करें, तो अमेरिकी सीनेट की ओर से ऑटो कंपनियों को राहत पैकेज मंजूर नहीं करने से सभी प्रमुख एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गई।

जापान का निक्केई 484.68 अंक नीचे बंद हुआ। चीन का शंघाई कंपोजिट 3.8 फीसदी नीचे 1,954.22 पर बंद हुआ।

सिंगापुर का हेंगसेंग 855.51 अंकों का गोता लगाया। दक्षिण कोरिया के बाजार गिरावट पर बंद हुए। यूरोपी बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा।

निक्केई

484.68 अंक लुढ़का

हेंगसेंग
855.51 अंक टूटा

शंघाई कंपोजिट
3.8 फीसदी नीचे


अमेरिकी ऑटो पैकेज नामंजूर

मंदी से जूझ रही तीन दिग्गज कार निर्माताओं को राहत पैकेज के मुद्दे पर अमेरिकी सीनेट से निराशा हाथ लगी। दरअसल, फोर्ड, क्राइसलर और जनरल मोटर्स को सरकार से मिलने वाली करीब 14 अरब डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी देने से इनकार कर दिया।

इसका असर अमेरिका और एशियाई शेयर बाजारों पर भी पड़ा और सभी में अचानक गिरावट देखी जाने लगी।

और 35 हजार होंगे बेरोजगार

कमजोर आर्थिक स्थिति और मेरिल लिंच के साथ विलय के बाद बैंक ऑफ अमेरिका (बीओए) अगले तीन वर्षों में 35,000 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रहा है।

बैंक की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, बैंक ऑफ अमेरिका को वर्ष 2009 की शुरुआत में अंतिम योजना तैयार होने की उम्मीद है और अगले तीन वर्षों में करीब 30,000 से 35,000 कर्मचारियों की छंटनी होगी।

First Published : December 12, 2008 | 11:49 PM IST