आज 3 फीसदी फिसलने के बाद भी शेयर सूचकांक मंगलवार को वापसी कर सकते हैं, बशर्ते वैश्विक बाजार से सकारात्मक संदेश आएं। यह कहना है डीलरों का।
लेहमेन ब्रदर्स के 6 अरब डॉलर की नई पूंजी जुटाने की घोषणा के बाद डाऊ औसतन 20 अंक बढ़ा। इससे अमेरिकी शेयरों को उम्मीद बंधी है। राहत देने वाली दूसरी बात यह है कि नेशनल शेयर बाजार (निफ्टी) ने 4500 का अपना अहम सपोर्ट लेवल बनाए रखा।
वह कारोबारी सत्र में 4411.60 केसाल के सबसे निचले स्तर से 90 अंक ऊपर चढ़कर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के तकनीकी विश्लेषक सुभाष गंगाधरन ने बताया कि निफ्टी का की सपोर्ट लेवल (4500) पर बंद होना कुछ राहत देता है। मंगलवार को उन्होंने 4460 और 4412 के स्तर के बजाय 4500 के स्तर पर सपोर्ट मिलने की उम्मीद जताई।
सूचकांक को 4600 के बजाय 4560 पर रेजिस्टेंस मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी लाभ को बरकरार रखना मुश्किल होगा। हर ऊंचाई पर निवेशक बाजार से निकल सकते हैं। नेशनल शेयर बाजार का निफ्टी 126.85 अंक या 2.74 प्रतिशत नीचे गिरकर 4,500.95 पर बंद हुआ। आज निफ्टी 4,626.45 और 4,411.60 के बीच रहा। बंबई शेयर बाजार(बीएसई) का सेंसेक्स 506.08 अंक या 3.25 फीसदी अंक नीचे आकर 15,066.10 के स्तर पर बंद हुआ।
वोलेटिलिटी सूचकांक पिछले सत्र के मुकाबले 23 फीसदी बढ़ा। डीलरों का कहना है कि अल्पावधि में बाजार का आउटलुक कमजोर है। इसका कारण घरेलू बाजार से आ रहे नकारात्मक संकेत और विदेशी बाजारों में उतार-चढ़ाव है। इंडिया इन्फोलाइन रिसर्च, के उपाध्यक्ष अमर अंबानी ने बताया कि निकट भविष्य में सेंसेक्स 14,200 और निफ्टी 4,100 के स्तर पर जा सकता है। उन्होंने ब्याज दर के लिहाज से संवेदनशील ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और बैंकिंग के क्षेत्रों को कमजोर आंका।
एक रिपोर्ट में शेयरखान सिक्योरिटीज ने कहा कि भारत मुश्किल आर्थिक हालात में घिर गया है, जहां एक ओर विकास दर धीमी हो रही है तो दूसरी ओर मुद्रास्फीति बढ़ रही है। अंबानी ने कहा कि एक राज्य में केंद्र की यूपीए सरकार की हार और उसकी मुद्रास्फीति पर काबू पाने में अक्षमता के बाद कारोबार जगत पर संभावित राजनीतिक अस्थिरता का भी असर पड़ रहा है।