Categories: बाजार

कब्जे की लड़ाई से शेयरों में मची उठापटक

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:43 AM IST

देश की कॉस्मेटिक उत्पाद बनाने वाली अग्रणी कंपनी इमामी और आयुर्वेदिक फार्मेसी कंपनी झंडु फॉर्मेसी के बीच जारी अधिग्रहण की लंबी लड़ाई से उपजे तनाव के कारण दोनों के शेयरों में उथलपुथल मची हुई है।


बीएसई में बुधवार को इमामी के शेयर में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई और यह करीब छह रुपए गिरकर 280 रुपए पर बंद हुआ। जबकि झंडु फार्मा के शेयरों में सात फीसदी से ज्यादा की तेजी आई और यह 675 रुपए चढ़कर 10,131 रुपए पर पहुंच गया जबकि एनएसई में इसमें नौ फीसदी से ज्यादा की तेजी आई और यह 885 रुपए चढ़कर 10,395 रुपए पर बंद हुआ।

मंगलवार को बीएसई में इमामी के शेयर 4.7 प्रतिशत नीचे आकर 285.90 पर बंद हुआ था,जबकि झंडु के शेयर 2.67 प्रतिशत नीचे आकर 9,455 रुपये पर बंद हुआ था। इमामी के शेयर धारकों ने झंडु के साथ लंबी लड़ाई छिड़ने की आशंका से जमकर बिकवाली की। इमामी ने पिछले दिनों झंडु समूह के एक अन्य प्रमोटर वैद्य परिवार की पूरी 24 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर अपनी हिस्सेदारी 27.5 फीसदी कर ली थी।

सोमवार को उसने 7,135 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 20 फीसदी और हिस्सेदारी के लिए खुला प्रस्ताव दिया था। यह दो सप्ताह के औसतन शेयर मूल्य का प्रीमियम है। इमामी ने वैद्य ग्रुप की हिस्सेदारी 6,900 रुपये प्रति शेयर(इसमें 100 रुपये की नान कंपीट फीस भी शामिल है) के हिसाब से 130 करोड़ रुपये में खरीदी थी। इस अधिग्रहण के तुरंत बाद इमामी के कार्यकारी निदेशक हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी पारिख के साथ प्रबंधन में नियंत्रण रखना चाहेगी। वे झंडु के भविष्य को लेकर पारिख के साथ बातचीत करते रहे।

इस सौदे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पारिख अग्रवाल को साथ लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने इस अधिग्रहण को भी गलत करार दिया है। अब वे वैद्य परिवार द्वारा बेची गई हिस्सेदारी पर या तो एक काउंटर ऑफर पेश करेंगे या फिर कानून का सहारा लेंगे। झंडु में हाल फिलहाल पारिख की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ओपन ऑफर के बाद इमामी की इस्सेदारी इससे अधिक 47 प्रतिशत हो सकती है।

First Published : June 5, 2008 | 1:18 AM IST