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कमजोर बाजार में इस स्मॉलकैप स्टॉक ने 8 साल का हाई छुआ, 5 महीनों में लगाई 237% की छलांग

पिछले पांच महीनों में Kitex Garments के शेयर में जबरदस्त उछाल आया है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- November 04, 2024 | 9:08 PM IST

Kitex Garments के शेयरों ने सोमवार को बीएसई पर 642.15 रुपये का आठ साल का उच्च स्तर छू लिया, जो 5% के अपर सर्किट में बंद हुआ। कमजोर बाजार में भी इस शेयर में तेजी दर्ज की गई। सुबह 11:27 बजे तक बीएसई और एनएसई पर कुल 2.09 मिलियन इक्विटी शेयरों का लेनदेन हुआ, और 26,000 शेयरों के खरीद ऑर्डर पेंडिंग रहे। इसके विपरीत, बीएसई सेंसेक्स 1.6% या 1,264 अंकों की गिरावट के साथ 78,460 पर आ गया था।

पिछले पांच महीनों में Kitex Garments के शेयर में जबरदस्त उछाल आया है, और यह 4 जून के 190.60 रुपये के स्तर से 237% बढ़कर आज अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

सितंबर तिमाही में मुनाफे में तीन गुना वृद्धि

इस स्मॉलकैप कंपनी के शेयर लगातार छठे दिन तेजी पर हैं। बीते सप्ताह में ही इसने 27% की बढ़त हासिल की है। यह वृद्धि कंपनी के सितंबर तिमाही (Q2FY25) में शानदार प्रदर्शन के चलते आई है। इस अवधि में कंपनी का शुद्ध मुनाफा करीब तीन गुना बढ़कर 39.94 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 13.21 करोड़ रुपये था। यह उछाल बढ़ती मांग और वैश्विक बाजार की बेहतर परिस्थितियों के कारण संभव हुआ है।

वैश्विक स्तर पर Kitex Garments की मजबूत स्थिति

कोच्चि की Kitex Garments दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बच्चों की कपड़ा निर्माता कंपनी है। बढ़ती मांग और बेहतर बाजार परिस्थितियों के चलते कंपनी ने अपने हाईएस्ट टर्नओवर और प्रॉफिट की रिपोर्ट की है। गारमेंट्स और परिधान बनाने वाली इस कंपनी का शेयर जनवरी 2016 के बाद से अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जो इसके विकास और वैश्विक बाजार में इसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

Kitex Garments के इस प्रदर्शन ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है, और यह तेजी बताती है कि भारतीय गारमेंट सेक्टर में भी छोटे आकार की कंपनियों में संभावनाएं बरकरार हैं।

Kitex Garments ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में अपनी आय में मजबूत सुधार दर्ज किया है। ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास और अमोर्टाइजेशन से पहले की आय (EBITDA) मार्जिन 27.68 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 18.25 प्रतिशत थी। कंपनी का कुल राजस्व साल-दर-साल 58 प्रतिशत बढ़कर 220.91 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 139.48 करोड़ रुपये था।

भारतीय गारमेंट उद्योग को मिला फायदा

Kitex Garments के मैनेजिंग डायरेक्टर साबू जैकब ने बताया कि बांग्लादेश में अस्थिरता ने न केवल कंपनी, बल्कि पूरे भारतीय गारमेंट उद्योग की वित्तीय वृद्धि में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय गारमेंट उद्योग की क्षमता 20 बिलियन डॉलर है, जिसमें से इस साल अब तक 16.5 बिलियन डॉलर का ही उपयोग हुआ है। अगले वर्ष के लिए भारत की मांग 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो Kitex के विस्तार के लिए बड़ी संभावनाएं लेकर आएगी। तेलंगाना में कंपनी के फेज I और II प्रोजेक्ट 2025 और 2026 तक चालू हो जाएंगे, जिससे Kitex की कुल क्षमता में 0.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि होगी।

निर्यात मांग और उद्योग का विस्तार

India Ratings and Research (Ind-Ra) के अनुसार, चीन-प्लस-वन सोर्सिंग रणनीति और बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते भारतीय कपड़ा उद्योग में विशेषकर अमेरिका से निर्यात मांग बढ़ रहा है, जो Kitex ग्रुप के लिए बढ़िया है। Ind-Ra ने बताया कि समूह ने एक बड़ा ग्रीनफील्ड कैपेक्स प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिससे इसके ऑपरेशन का विस्तार होने की संभावना है। हालांकि, यह रेटिंग बढ़ते ऋण भार के कारण सीमित है, जो FY26 तक अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है।

India Ratings and Research (Ind-Ra) का अनुमान है कि Kitex Garments की राजस्व वृद्धि मध्यम अवधि में जारी रहेगी, क्योंकि मौजूदा और नए ग्राहकों से मांग बढ़ने की उम्मीद है। निर्यात मांग में सुधार के साथ-साथ उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी इसे और मजबूती देगी। चीन-प्लस-वन सोर्सिंग रणनीति और बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता के कारण भारतीय गारमेंट निर्यातकों के पास वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का बेहतर मौका है, बशर्ते उनकी उत्पादन क्षमता पर्याप्त हो।

भारत सरकार से मिलने वाले निर्यात प्रोत्साहन भी कंपनी की मार्जिन में सुधार करने में सहायक हैं। Ind-Ra को उम्मीद है कि FY25 में टेक्सटाइल उद्योग में सुधार के चलते Kitex की EBITDA मार्जिन में बढ़त होगी।

हालांकि, FY26 और FY27 में यह मार्जिन थोड़ा कम हो सकता है, क्योंकि Kitex Apparel Parks के पहले चरण के शुरू होने के साथ ही स्थायी खर्च बढ़ने की संभावना है। कंपनी का पहला चरण अप्रैल 2025 में और दूसरा चरण अप्रैल 2026 में शुरू होने की उम्मीद है, जिससे शुरुआती खर्च का असर इन वर्षों में मार्जिन पर दिख सकता है।

Ind-Ra के मुताबिक, बढ़ती निर्यात मांग और सरकारी प्रोत्साहनों के साथ Kitex की विस्तार योजनाएं कंपनी की ग्रोथ को मजबूती देंगी, जिससे भारतीय गारमेंट निर्यातकों का वैश्विक बाजार में प्रभाव और बढ़ सकता है।

First Published : November 4, 2024 | 9:08 PM IST