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यूटीआई रद्द कर सकता है पब्लिक इश्यू की योजना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:01 AM IST

देश की चौथी सबसे बड़ी म्युच्युअल फंड यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) अपने प्रस्तावित आईपीओ की समीक्षा कर रहा है।


वैश्विक वित्त बाजार के कमजोर हालात और भारतीय इक्विटी बाजार की बदहाली के कारण उसे इसके लिए विवश होना पड़ा है। एएमसी से जुड़े हुए सूत्रों ने बताया कि बाजार में छाई मंदी के माहौल और निवेशकों के उदासीन होने के कारण कंपनी को इस निर्णय पर विवश होना पड़ रहा है।

हालांकि इस बारे में कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि वे इस सप्ताह इस बारे में कोई निर्णय लेंगे। हाल -फिलहाल वे इस पर कुछ नहीं कह सकते कि आईपीओ की योजना रद्द ही कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार इस माह की शुरुआत में रोड शो के दौरान विदेशी निवेशक इससे प्रभावित नहीं हुए और उनकी ओर से निवेश का कोई ठोस वादा नहीं मिल सका।

अब मौजूदा बाजार की स्थिति को देखते हुए आईपीओ लांच करने की संभावना बेहद कम है। इसके चलते यूटीआई एमएफ को अच्छा वैल्यूएशन मिलने की उम्मीद कम है। क्योंकि देश में कोई अब तक कोई भी म्युचुअल फंड सूचीबध्द नहीं है।

मर्चेंट बैंकर्स ने प्रबंधन से बेहतर कीमत पाने के लिए बाजार की स्थिति सुधरने तक इंतजार करने को कहा है। या फिर वह कम वैल्यूएशन के साथ बाजार में उतरे। निवेशकों ने यूटीआई एएमसी की पूरे एयूएम का 7-8 फीसदी वैल्यूऐशन किया है। प्रबंधन को यह रास नहीं आ रहा है। इस आईपीओ का आकार 1,800-2,400 करोड़ के बीच है।

First Published : June 17, 2008 | 10:48 PM IST