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वोल्टास: मांग पड़ी ठंडी

Last Updated- December 08, 2022 | 9:06 AM IST

यह फर्म इस समय कुछ प्रोजेक्टों पर काम करने में अपने आपको असमर्थ पा रही है क्योंकि ग्राहक नकदी के संकट से जूझ रहे हैं।


इंजीनियरिंग फर्म वोल्टास के लिए स्थितियां लगातार कठिन होती जा रही हैं। इस बारे में प्रबंधन का कहना है कि  ग्राहक इस समय नकदी के संकट का सामना कर रहे हैं। इसलिए कंपनी अपने कुछ प्रोजेक्टों में विलंब हो सकता है। निकट भविष्य में इसका असर उसके राजस्व पर पड़ेगा।

इसके साथ ही उसका यह भी कहना है कि अर्थव्यवस्था के धीमी पड़ते जाने के कारण नए ऑर्डरों में समय लग सकता है। प्रबंधन का कहना है कि अगर इंफ्रास्ट्रक्चर में होने वाले व्यय को बढ़ाने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए गए तो उसके लिए स्थिति और बिगड़ सकती है।

कंपनी के लिए सिर्फ घरेलू बाजार ही समस्या उत्पन्न नहीं कर रहा है। उसे विदेशों से मिले 4500 करोड़ रुपये के ऑर्डरों के बारे में भी यही स्थिति रही है। यह अधिकांश ऑर्डर उसे मध्य-पूर्व के देशों से मिल रहे हैं। यह अधिकांश ऑर्डर सरकार द्वारा प्रायोजित और समर्थित हैं।

इसलिए यह समय पर ही पूरे होने चाहिए। यह देखते हुए कि दुबई में कई कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट अभी रुके हुए हैं यह देखते हुए कंपनी ऑर्डर बुक को पूरा करना शुरु करे इसमें अभी समय लगेगा।

बदली स्थितियों की मद्देनजर कंपनी के इलेक्ट्रो मैकेनिकल प्रोजेक्ट और सेवा क्षेत्र जो कंपनी के राजस्व में 55 फीसदी का योगदान देते हैं, के सितंबर 2008 तक के छह माहों के समान दूसरी छमाही में योगदान नहीं दे पाएगा। सिंतबर तक की छमाही में इस क्षेत्र का राजस्व 32 फीसदी की वृध्दि के साथ 1,051 करोड़ रुपये हो गया था।

हालांकि राजस्व में कोई चिंताजनक कमी आने की उम्मीद नहीं है क्योंकि घरेलू ऑर्डरों के समय पर पूरा होने के चलते यह 1,000 करोड़ के आसपास रह सकता है। अगर यह नहीं हुआ तो कंपनी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि उसके अन्य दो क्षेत्र भी मुश्किलों से घिरे हुए हैं।

 कूलिंग डिवीजन का कंपनी के राजस्व में 26 फीसदी हिस्सा है। 2008-09 की पहली छमाही इस सेगमेंट का राजस्व 16 फीसदी बढ़कर 562 करोड़ रुपये हो गया था।

हालांकि कंपनी के प्रबंधन का कहना है कि पिछले कुछ माह में एयर कंडिशन क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय वृध्दि नहीं हुई, आने वाले माह में भी स्थितियां ज्यादा आशाजनक नजर नहीं आ रहीं हैं।

इंजीनियरिंग क्षेत्र और सेवा क्षेत्र का कंपनी के राजस्व में 15 फीसदी योगदान रहता है। यह मुख्य रूप से कपड़ा मशिनरी क्षेत्र में अपनी सेवाएं देता है। मंदी के बाद अमेरिकी कपड़ा क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए यह क्षेत्र किसी अर्थपूर्ण योगदान की स्थिति में आ सके इसमें समय लगेगा।

प्रबंधन का कहना है कि मशिनरी की बिक्री में वृध्दि के मायने मटीरियल को हैंडल करना है लेकिन यह पहले ही कमजोर स्थिति में है क्यांकि पिछले कुछ समय से औद्योगिक गतिविधियां धीमी पड़ गई हैं।

First Published - December 15, 2008 | 9:11 PM IST

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