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फैसले पर चौकन्नी निगाहें

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 10:05 AM IST

पहले से ही परेशान और हताश निवेशक सत्यम के अपने शेयरों की पुनर्खरीद पर विचार करने के फैसले को शक की निगाह से देख रहे हैं।


निवेशक  द्वारा कंपनी प्रबंधन के इस कदम को शेयरों की कीमतों में और अधिक गिरावट को रोकने के तौर पर देख रहे हैं। निवेशकों का मानना है कि यह कदम वास्तविक स्थिति से ध्यान खींचने और वातावरण को सामान्य करने की नीयत से किया जा रहा है।

सत्यम केशेयरों की पुनर्खरीद पर विचार करने के बारे में एक आईटी विश्लेषक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि निवेशकों की नजर इस बात पर होगी कि प्रबंधन निवेशकों को उनके पैसों को लौटाने को लेकर कितना गंभीर है या फिर कंपनी इस बहाने कुछ और समय लेने और इस पर से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।

विश्लेषकों का मानना है कि अगर कंपनी प्रबंधन शेयरों की पुनर्खरीद को लेकर इतना चिंतित होता तो यह निदेशक मंडल की तुरंत एक बैठक बुला सकता था जबकि प्रबंधन ने यह बैठक 12 दिनों के बाद बुलाई गई, जो विश्लेषकों और निवेशकों दोनों को ही परेशान कर रही है।

कंपनी केशेयरों और निवेशकों पर कंपनी केशेयरों की पुनर्खरीद करने पर विचार करने के फैसले का कितना असर पड़ेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी कितने शेयरों की पुनर्खरीद क रती है और इसकी कीमत क्या होगी।

First Published : December 19, 2008 | 9:24 PM IST