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कौन चुपचाप इकट्ठा कर रहा है स्पाइसजेट के शेयर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 10:40 PM IST

अप्रैल के दूसरे हफ्ते के बाद से ही स्पाइसजेट के शेयरों का कारोबार खासा बढ ग़या है, जिससे बाजार में कयास लग रहे हैं कि आखिर इन शेयरों का कौन खरीद रहा है।


बाजार के कई जानकार इसकी तुलना पिछले साल एयर डेक्कन के शेयरों में हुई भारी खरीद से कर रहे हैं जब किंगफिशर ने डेक्कन को खरीदने से उस कंपनी के शेयर इकट्ठा कर लिए थे।


स्पाइसजेट के शेयरों में यह खरीदारी 26 मार्च को शुरू हुई थी, जब देश की इस दूसरी सबसे बड़ी बजट एयरलाइन के शेयरों का भाव 8 जनवरी के अपने 104.80 रुपए के उच्चतम स्तर से गिरकर 37.90 रुपए पर आ गया। मार्च 26 का भाव इसके पिछले एक साल के न्यूनतम स्तर (36 रु.) के काफी करीब था। शुक्रवार को बीएसई में यह 39.50 रुपए पर बंद हुआ।


26 मार्च और 14 अप्रैल के बीच के 12 कारोबारी सत्रों में बीएसई में स्पाइसजेट के कुल 114 लाख शेयरों में कारोबार हुआ और इसमें से कुल 65 लाख शेयरों की डिलिवरी हुई। जाहिर है कि औसतन रोजाना इसके 9.5 लाख शेयरों का कारोबार हुआ और पांच लाख शेयरों की डिलिवरी हुई।


हालांकि 15 अप्रैल से 7 मई के बीच के 15 कारोबारी सत्रों में इसका वॉल्यूम बढ़कर 433 लाख शेयरों का हो गया और इसमें डिलिवरी 213 लाख शेयरों की ही हुई। यानी औसतन रोजाना 36 लाख शेयरों का कारोबार और 14 लाख शेयरों की डिलिवरी। यानी इस 15 दिनों में ही इसका कारोबार चौगुना हो गया और डिलिवरी भी तीन गुना बढ ग़ई।


स्पाइसजेट के कुल 2406.50 लाख शेयरों में से इसके ओवरसीज प्रमोटर समूह यानी रॉयल होल्डिंग्स सर्विसेस की हिस्सेदारी 12.91 फीसदी की है। एफआईआई के पास 12.44 हिस्सा है जबकि म्युचुअल फंडों के पास 11.69 फीसदी होल्डिंग है। इसके अलावा भारतीय सार्वजनिक और अन्य निवेशकों की हिस्सेदारी क्रमश: 14.85 और 27.75 फीसदी की है।


अब चूंकि इसमें कोई ब्लॉक डील नहीं हो रही है लिहाजा यह नहीं मालूम हो पा रहा है कि ये शेयर कौन खरीद रहा है, या इनमें कौन इतना बड़ा कारोबार कर रहा है। अगर कोई एक दिन में किसी कंपनी के कुल इक्विटी का 0.5 फीसदी या उससे ज्यादा खरीदता है तो स्टॉक एक्सचेंज को उस खरीदार की पहचान बतानी होती है। लेकिन एल्डवायस सेक्योरिटीज के एनालिस्ट योगेश राडके के मुताबिक  स्टॉक साल भर के न्यूनतम भाव के करीब है इसलिए भी कुछ निवेशक इसमें पैसा लगा रहे हैं।


इसके अलावा जो निवेशक इस सेक्टर में रुचि रखते हैं वो भी खरीद रहे होंगे या फिर वो भी खरीद रहे होंगे जो यह मानते होंगे कि ओपन ऑफर आएगा तो फायदा होगा। इससे पहले किंगफिशर ने भी एयर डेक्कन के शेयरों के लिए ऐसा ही ऑफर दिया था। पिछले कुछ समय से बाजार में यह चर्चा भी रही है कि कुछ फुल सर्विस एयरलाइन इस कंपनी पर नजर गढ़ाए हैं। हाल में ही जेट एयरवेज ने भी संकेत दिए हैं कि  वो जेटलाइफ और स्पाइसजेट से साथ ऑपरेशनल सिनर्जी (करार)की सोच रहा है।

First Published : May 9, 2008 | 10:36 PM IST